सौर ऊर्जा संयंत्र से रेलवे लखनऊ मंडल को 55 लाख रुपये  का मुनाफा* 


           गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरो)
लखनऊ उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने बीते 14 महीने में करीब 55 लाख रुपए का भारी मुनाफा किया है। मुनाफा यात्री अथवा माल भाड़ा से नहीं वरन बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता से किया है। बिजली के विकल्प के तौर पर सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से मुनाफे के साथ स्टेशनों व केन्द्रों को रोशन व निर्बाध बिजली आपूर्ति कर दोहरा लाभ भी प्राप्त किया है।

रेलवे निरन्तर आधुनिक सुविधाओं में बढ़ोतरी कर रहा है। व्यवस्थाओं का उच्चीकरण कर रहा है। इससे बिजली की खपत भी बढ़ती जा रही है। रेलवे सूत्र के अनुसार बीते 10 सालों में रेलवे की बिजली की मांग में 10 गुना की वृद्धि हुई है। बढ़ती मांग और मांग के अनुसार बिजली न मिल पाने के साथ लगातार बढ़ती बिजली की कीमतों ने रेलवे को वैकल्पिक व्यवस्था का रास्ता दिखाया। रेलवे ने सौर ऊर्जा को चुना। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 25 रेलवे स्टेशनों व केन्द्रों में 3071 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए। इसका सार्थक परिणाम मिला है। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने अप्रैल 2020 से जून 2021 तक 680495 यूनिट बिजली का उत्पादन किया और इस अवधि में 54,43,960 रुपए की बचत की। मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ मंडल संजय त्रिपाठी ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी का इजहार ट्यूटर पर ट्यूट से किया है।
यहां लगे हैं सौर ऊर्जा संयंत्र।रेलवे के लखनऊ मंडल के रेलवे स्टेशन अकबरपुर, प्रतापगढ़, अमेठी, जंघई, जौनपुर सिटी, शाहगंज, मुसाफिरखाना, ऊंचाहार, वाराणसी, सफदरजंग, फैजाबाद, रायबरेली के साथ केन्द्रों मंडल प्रबंधक कार्यालय, डीजल शेड प्रयाग, इरिटेम में 3071 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हैं।

‘सौर ऊर्जा संयंत्रों को विधुत आपूर्ति के पूरक के रूप में एक विकल्प के रूप में अपनाते हुए बिजली की आवश्यकता को पूर्ण किया जा रहा है। सौर ऊर्जा संयंत्रों से बीते जून माह तक 6.80 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन कर 54.43 लाख रुपए की बचत की गई है।
संजय त्रिपाठी, डीआरएम लखनऊ, उत्तर रेलवे (ट्यूट का सम्पादित अंश)

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