मिर्जापुर। बाणसागर परियोजना का काम मार्च 2019-20 में ही पूरे कर लिए गए थे। कुछ बचे खुचे कार्य कोरोना महामारी व चुनाव के चलते प्रभावित रहे। पहाड़ की उंचाईयों पर बनी नहरों में कुछ स्थानों पर कच्चे पहाड़ में मिट्टी बह जाने के चलते सीपेज हो गए हैं। जिससे पानी इधर-उधर बह जा रहे हैं। सीपेज ट्रिटमेंट के कार्य चल रहे हैं। बाणसागर से पानी लाकर 3000 एमसीएफटी क्षमता वाले अदवा डैम को भरा जाता है। इससे हलिया व लालगंज विकास खंड में 25 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाती है। इसी नहर से 1970 में बने 10 हजार एमसीएफटी क्षमता वाले मेजा डैम को भरा जाता है।
मेजा डैम मिर्जापुंर का सबसे बड़ा डैम है। इससे लालगंज उपरौध क्षेत्र के अलावा प्रयागराज मे 50 हजार हेक्टेयर भूमि की सिचाई हो रही है। बिरोहिया पिकप में भी बाणसागर से पानी दिया जा रहा है। इसके अलावा लोवर खजुरी व अपर खजुरी समेत जरगो डैम भरे जा रहे हैं। बाणसागर को ढेकवा बंधी से निकले नहरों को पानी देने की मांग उठ रही है। यदि जनता का डिमांड और सरकार चाहे तो पानी दी जा सकती है। हलिया विकास खंड मुड़पेली गांव में बाणसागर सिंचाई परियोजना से निर्मित अदवा बैराज का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 15 जुलाई 2018 को मिर्जापुर के चंदईपुर से लोकार्पण किया गया था।मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी 11 जुलाई 2018 को अदवा बैराज का निरीक्षण कर चुके हैं। बाणसागर जलाशय मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सोन नदी पर बने बाणसागर परियोजना का शुभारंभ वर्ष 1978 से शुरू हुआ था। हलिया प्रतिनिधि के अनुसार, अदवा बैराज से अदवा जलाशय में पानी समय समय पर दिया जा रहा। उसके बाद ज्वाइंट अदवा सुखरा जलाशय से होकर सुखरा नहर प्रणाली तथा हलिया राजवाहा को पानी मिल रहा है । अदवा जलाशय से ही लालगंज ब्लाक स्थित मेजा जलाशय को भी बाणसागर का पानी जा रहा है। इसके लिए भी नहर बनकर तैयार है। अदवा जलाशय तथा मेजा जलाशय में बाणसागर से पानी पहुंचना इन जलाशयों से सिंचित क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अब हलिया ब्लाक के सुखरा नहर सहित हलिया राजवाहा में खरीफ तथा रबी के मौसम की रोपाई, बुआई तथा सिंचाई के लिए समयानुसार पर्याप्त पानी मिलता रहेगा।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने