प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं करने वाले 1200 ईंट-भट्ठे बंद होंगे। शासन ने ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले पुराने पद्धति से चल रहे भट्ठों को बंद करने का आदेश जारी किया है। शासन के पत्र के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह की ओर से मानकों का पालन नहीं करने वाले भट्ठों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने बनारस के 270 भट्ठाें समेत पांच जिलों र्के 1200 इंट-भट्ठों की सूची जारी की है।
दरअसल, एनजीटी के नियमों के मुताबिक, बनारस र्के 405 इंट-भट्ठों में से केवल 135 ही मानक के अनुसार संचालन करते हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शासन को भेजे रिपोर्ट में पांचों जिलों में 1200 मानकों के विपरीत मिले। इनमें मनमाना खनन के साथ ही कोयला, लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा उपयोग किया जाता है। इनके पास प्रदूषण नियंत्रण विभाग की एनओसी भी नहीं है। वाराणसी के 270, जौनपुर के 362, गाजीपुर के 299, चंदौली के 101 और भदोही के 168 ईंट-भट्ठे शामिल हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि सभी 270 भट्ठों को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा गया है। अक्तूबर, नवंबर से सभी भट्ठों पर लीगल नोटिस भी चस्पा की जाएगी। मानकों का पालन करने वालों को लीगल ओपिनियन के बाद मौका दिया जाएगा।

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