उतरौला (बलरामपुर) डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण ट्रैक्टर संचालकों ने खेतों की जुताई की दरें बढ़ा दी है। इस कारण किसानों की समस्याओं में इजाफा हो गया है। खेती की लागत बढ़ने से सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ रहा है।
        जून जुलाई का महीना खेती-बाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस दौरान खेतों की जुताई कराकर फसल की तैयारी की जाती है ।हालात यह है कि लगातार बढ़ते डीजल के दामों के कारण ट्रैक्टर से खेतों की जुताई महंगी हो गई है जिससे किसानों का बजट बिगड़ गया है। पिछले बार जहां प्रति बीघा 800से 900रुपये जुताई लगती थी वहीं इस वर्ष डीजल महंगा होने से अब 1200से 1500रुपये प्रति बीघा जुताई देनी पड़ रही है। क्षेत्र के किसान लालबाबू,पारस राम,दोस मोहम्मद कहते हैं कि खेतों की जुताई में वृद्धि होने से खेती में लगातार घाटा हो रहा है पिछले तीन सालों खेतों की जुताई दो गुनी हो गई है ट्रैक्टर का किराया खेती-बाड़ी में इतना अधिक हो जाता है कि मेहनत मजदूरी का भी हिस्सा खेती-बाड़ी में नहीं निकल पा रहा है। किसान लल्लू राम,राज मोहम्मद बताते हैं कि ट्रैक्टर से खेतों की जुताई कराना मजबूरी है क्योंकि बैलों के माध्यम से जुताई का चलन लगभग बंद हो चुका है और डीजल के दामों में हो रही निरंतर बढ़ोतरी के कारण खेती किसानी में ट्रैक्टर का किराया हर साल बढ़ता जा रहा है।


उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।

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