उतरौला (बलरामपुर)
तापमान बढ़ते ही लगातार जलस्तर गिर रहा है। इसके कारण अधिकांश तालाब, पोखरे और हैंडपंप सूख चुके हैं। बढ़ते जलसंकट और गर्मी के चलते पानी की डिमांड बढ़ गई है। शुद्ध और शीतल जल की उम्मीद में लोग जार और कैन में बिकने वाला पानी खरीद रहे हैं। 
इसके कारण पानी बेचना एक बड़ा व्यवसाय बन गया है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में अवैध आरओ प्लांट लगा है। इस धंघे में शामिल कारोबारियों की चांदी कट रही है। जो लोगों को फिल्टर वाटर के नाम पर डब्बा बंद पानी की सुविधा मुहैया कराते है। लेकिन बेहतर गुणवत्ता और स्वचछ निर्मल जल का दावा करने वाले कारोबारी पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं होने से साधारण दर्जे का पानी लोगों को बेचा जा रहा है। शहरी क्षेत्र में प्रति परिवार लगभग 60 रुपया प्रतिदिन पेयजल के लिए खर्च कर रहें हैं। इधर तापमान बढ़ते ही लगातार प्रतिदिन वाहन से हजारों लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है। बिना लाइसेंस के कैन व जार का पानी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। दर्जनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चल रहें हैं। शुद्ध पानी के नाम पर प्लास्टिक जार में पानी भरकर होम डिलिवरी की जा रही है। बड़ा सवाल है कि पानी कारोबार करने वालों ने सम्बंधित विभाग से ट्रेड लाइसेंस लिया है या नहीं। बताया जाता है कि पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए भी संयंत्र उपलब्ध नहीं है। लेकिन पानी को जार में बंद कर खुलेआम बेचा जा रहा है।
प्लास्टिक जार में जो पानी आपूर्ति की जा रही है। उसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है।
गर्मी के बढ़ते ही नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में डब्बा बंद, कैन पानी की आपूर्ति बढ़ गयी है। यह पानी बिना किसी जांच के हर दुकान और घर में पहुंचाया जा रहा है। वहीं पानी के प्यूरिफायर या बिक्री के लिए भी इन सप्लायरों के द्वारा कोई पंजीयन या आदेश नहीं लिया गया है।
बिना किसी ट्रेड लाइसेंस के ही उतरौला तहसील क्षेत्र में खुलेआम शुद्ध पानी के नाम पर जैसे तैसे पानी का सप्लाई किया जा रहा है। जो कभी भी पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि क्षेत्र भर में प्यूरिफायर के नाम पर कुकरमुत्ते की तरह पानी को बेचा जा रहा है।
किसी भी प्यूरिफायर केंद्र पर पानी की जांच नहीं की जाती है। ऐसे में यह पानी बड़ी आबादी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जबकि प्रावधान है कि यदि सामान्य स्तर पर भी वाटर सप्लाई होती है तो उसकी जांच होनी चाहिए। पर यहां तो बिक रहे पानी की कोई जांच आजतक नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार उतरौला शहर और आसपास के क्षेत्र में दर्जनों वाटर सप्लाइयर काम कर रहे हैं।
असगर अली 
उतरौला

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