आगरा। नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए आया बुलंशहर का हिमांशु विना ऑपरेशन के स्वस्थ होकर लौटा।
बीमारी के संबंध में बुलन्दशहर निवासी हिमांशु ने बताया कि दो मई को कोविड हुआ था। इलाज चला। 26 मई को पता चला कि ब्लैक फंगस हो गया है। दिल्ली के एक अस्पताल में गए तो वहां ब्रेन का ऑपरेशन बताया। वे डर गए। एक दोस्त ने नेमिनाथ हॉस्पिटल का पता दिया। अब वह स्वस्थ है। हिमांशु के पिता राकेश ने बताया कि मैं चाहूंगा कि यहां आकर ब्लैक फंगस का इलाज कराएं ताकि ऑपरेशन से बच सकें। यहां होम्योपैथी से अच्छा इलाज हुआ। राजाराम (उम्र 43 वर्ष) पुत्र खुशाली राम निवासी वीनपुर कलां, कासगंज और राकेश कुमार (उम्र 55 वर्ष) पुत्र स्व. सुंदर सिंह निवासी कायमगंज, फर्रुखाबाद को भी कोरोना के बाद ब्लैक फंगस हुआ था। राकेश के जबड़े से लगातार पस टपक रहा था। यहां आकर दोनों मरीज स्वस्थ हैं।
वहीं,नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप गुप्ता का कहना है कि होम्योपैथी में वायरस का उच्चकोटि का इलाज है। देश का दुर्भाग्य है कि ऐलोपैथी के सामने होम्योपैथी को इस तरह से प्रस्तुत कर दिया गया है कि लोग कतराते हैं। ब्लैग फंगस हमारे लिए कोई अजूबा नहीं है। ऑपरेशन की जरूरत नहीं हुई। एंटीफंगल दवाएं नहीं देनी पड़ीं। तीन मरीज आए थे। दो ठीक हुए हैं और एक अभी भर्ती है।
रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता
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