*गरीबी बनी अभिशाप कच्ची दीवार गिरने से युवक की मौत परिवार में मातम का माहौल*

*अभी तक मिल्कीपुर तहसील के कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचे*


*मिल्कीपुर /अयोध्या*

गरीबी मैं रह रहे एक परिवार के कमाने वाले नवयुवक की दीवार गिरने से दर्दनाक मौत हो गई शासन प्रशासन की अनेक योजनाओं का लाभ पात्रों को आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया है जिसका जीता जागता उदाहरण यह परिवार है आपको खींची गई तस्वीरों में यह सब दिखाई पड़ेगा कि जिस जर्जर घर में यह परिवार रह रहा था उसमें रहने लायक कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ रही है टूटी हुई दिवाली फूस के छप्पर उड़े हुए टीन तो, ऐसे घरों में दुर्घटना होना जाहिर सी बात है प्रश्न यह उठता है कि आखिर हमारे सिस्टम को क्या हो गया है समय-समय पर समाचार पत्रों में यह खबरें छपती रहती हैं कि फला गांव में अमुक अमुक लोगों को अपात्र होते हुए भी इंदिरा आवास आवंटित कर दिया गया जबकि ऐसे परिवार जिन्हें उनका लाभ मिलना चाहिए ऐसे परिवार हमारे प्रशासन के जिम्मेदार लोगों को दिखाई ही नहीं पड़ता है और ऊपर से गंवई राजनीति के चलते ऐसे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है!
बताया गया है कि इनायत नगर थाना क्षेत्र के ग्राम निमड़ी मजरे पूरे पोखरिया गांव में कच्चे मकान की दीवार गिरने से एक युवक की मलबे मे दबकर मौत हो गई। मकान गिरते ही ग्रामीणों की मदद से मकान के मलबे में दबे 23 वर्षीय युवक को बाहर निकाला गया, और आनन-फानन में 108 एंबुलेंस की मदद से सीएससी मिल्कीपुर इलाज के लिए ले जाया गया। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते में ही युवक ने दम तोड़ दिया। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है। गांव में चारों तरफ चीखने, चिल्लाने की आवाजें आने लगीं हैं। 
सूत्रों से जानकारी मिली है कि यह परिवार बहुत ही गरीब है और उसके पास 1 एकड़ के लगभग कृषि योग्य भूमि है 4 लोगों के परिवार में 3 लोग निमंत्रण में कहीं बगल गए हुए थे अन्यथा वह भी घटना का शिकार हो सकते थे परिवार के रहन-सहन और उनके घर को देखने से लगता है इस परिवार को मदद की बहुत ही आवश्यकता थी लेकिन ना तो किसी जनप्रतिनिधि ने और ना ही किसी प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी ने इस पर ध्यान दिया केवल  उच्च जाति का होने के नाते इस परिवार को बीपीएल सूची  में भी समायोजित नहीं किया जा सका होगा क्योंकि भारतीय व्यवस्था में उच्च जाति में पैदा होना और गरीब होना सबसे बड़ा अभिशाप है क्योंकि उच्च जाति में पैदा होने वाला व्यक्ति कभी गरीब हो नहीं सकता है ऐसी शासन प्रशासन की हमेशा से सोच रही है अब देखना होगा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद प्रशासन इस मामले में क्या परिवार को  दैवीय आपदा   राहत कोष से मदद करवा पाता है या फिर वही ढाक के तीन पात और परिवार के बाकी बचे सदस्यों को उनकी हाल पर उन्हें भुला दिया जाएगा
बताया गया कि क्षेत्र में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से इनायत नगर थाना क्षेत्र के ग्राम निमड़ी मजरे पोखरिया निवासी शेष नारायण पांडे का कच्चा मकान रविवार की भोर लगभग 3:00 बजे भरभरा कर गिर गया। जिसमें उनका 23 वर्षीय बेटा संदीप पांडे दब गया। ग्रामीणों ने बताया कि मकान गिरने की जानकारी होते ही अगल-बगल वालों मे  गुहार मच गई। गुहार में दौड़े ग्रामीणों ने मकान के मलबे में दबे संदीप कोमलबा हटाकर बाहर निकाला और उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर ले गये। लेकिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही संदीप की सांसें थम गईं थी।
उक्त घटना की जानकारी ग्रामीणों ने थाना इनायतनगर पुलिस सहित तहसील प्रशासन को दी। किंतु घटना के 7 घंटे बाद इनायत नगर थाने के बीट प्रभारी उप निरीक्षक मनोज कुमार प्रजापति सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने पंचायतनामा कराने के उपरांत युवक के शव को कब्जे में ले लिया।
 ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा पात्र ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास देने की ब्यवस्था अधिकारियों की मनमानी के कारण फेल हो गयी है।जिसके चलते आवास के लिए वास्तविक रूप से पात्र ग्रामीण वंचित हो रहे हैं। खबर लिखे जाने तक मिल्कीपुर तहसील के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने गांव तक पहुंचने का काम नहीं किया।------**डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव,  अयोध्या ब्यूरो चीफ*

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