अम्बेडकर नगर कोरोना की तीसरी लहर के बीच जिला अस्पताल बीमार

          गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरो 
अंबेडकरनगर 25जून। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के बीच जिला अस्पताल खुद ही बीमार है। अस्पताल में चारों तरफ फैली अव्यवस्थाओं के बीच मरीजों का दर्द घटने की बजाय बढ़ने लगा है। सामान्य वार्ड की बात तो दूर, इमरजेंसी वार्ड में स्थित 18 बेड की तुलना में 16 बेड क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। किसी का कवर फटा है, तो किसी में अन्य प्रकार की गड़बड़ियां हैं। सामान्य वार्ड में भी ज्यादातर बेड बदहाल हैं। यहां अकसर मरीजों को बेडशीट नहीं मिलती है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए विशेष सफाई व सैनिटाइजेशन का निर्देश है, लेकिन जिला अस्पताल में एक तरफ जहां सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी है, तो इमरजेंसी से लेकर सामान्य वार्ड में लगी सैनिटाइजर मशीन भी लंबे समय से खराब हैं। स्ट्रेचर की कमी के चलते अकसर तीमारदार मरीज को गोद में उठाकर इलाज के लिए ले जाते दिख जाते हैं, तो अस्पताल परिसर में प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। मरीज व उनके तीमारदार आए दिन फैली अव्यवस्थाओं को लेकर आवाज बुलंद करते रहते हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।
कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरियंट ने देश मेें दस्तक दे दी है। इसे देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकारों की ओर से तीसरी संभावित लहर से निपटने के लिए जरूरी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आए दिन इसे लेकर जरूरी दिशा निर्देश जिम्मेदारों को दिए जा रहे हैं। इन सबके बावजूद जिला अस्पताल में चारों तरफ अव्यवस्थाएं हैं। कराहते मरीजों का दर्द कम होने की बजाय जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से और भी दर्द बढ़ रहा है।
आलम यह है कि इमरजेंसी के तीन वार्ड में स्थित 18 बेड की तुलना में 16 बेड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। किसी का बेड कवर फटा है, तो किसी में अन्य गड़बड़ियां हैं। ऐसे ही बेड पर मरीज को भर्ती होकर इलाज कराना पड़ रहा है। चार सामान्य वार्ड में भी ज्यादातर बेड खराब हैं। अकसर बेड शीट न मिलने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। और तो और स्ट्रेचर की भी कमी जिला अस्पताल में लंबे समय से बनी हुई है। ऐसे में आए दिन तीमारदार अपने मरीज को गोद में इलाज के लिए ले जाए जाते देखे जाते हैं। इसे लेकर तीमारदारों व अस्पताल के कर्मचारियों के बीच नोकझोंक भी होती रहती है।
खराब पड़ी है सैनिटाइजर मशीन
जिले में कोरोना संक्रमण कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना है। इन सबके बीच इमरजेंसी वार्ड में लगी सैनिटाइजर मशीन लंबे समय से खराब पड़ी है, लेकिन इसे दुरुस्त कराने की सुध जिम्मेदारों को नहीं है। सैनिटाइजर मशीन दुरुस्त न होने से मरीज व तीमारदार बगैर सैनिटाइज हुए ही इलाज के लिए अंदर पहुंच रहे हैं।
अस्पताल परिसर में पसरी गंदगी
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में समुचित सफाई के दिशा निर्देश हैं। इन दिशा निर्देशों का जिला अस्पताल में समुचित पालन होता नहीं नजर आ रहा है। मुख्य गेट से लेकर अस्पताल परिसर में जगह-जगह कूड़ा करकट का ढेर लगा हुआ है। नालियों की नियमित सफाई न होने से गंदा पानी परिसर में बहता रहता है। वार्ड में स्थित डस्टबिन की नियमित सफाई नहीं होती है। अकसर कूड़ा करकट उसके चारों तरफ फैला रहता है। शौचालय की नियमित सफाई नहीं होती है। चारों तरफ फैली गंदगी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका व्याप्त हो गई है।
दूर कराई जाएं अव्यवस्थाएं
जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर कराया जाए। बुधवार को अस्पताल में मिले तीमारदार राजेश कुमार व जितेंद्र ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी अव्यवस्थाओं को दूर कराया जाना चाहिए। न सिर्फ बेड दुरुस्त किए जाएं, बल्कि सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। अकबरपुर के तीमारदार अनुराग व पुष्पा देवी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मरीजों का समुचित इलाज सुनिश्चित हो सके, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
उठाए जा रहे जरूरी कदम
मरीजों का बेहतर इलाज सुनिश्चित हो सके, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। न सिर्फ सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है, बल्कि कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
डॉ. ओमप्रकाश, सीएमएस

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