छोटे तालाबों और वाटर होल से वन्यजीवों के लिए पानी की करें व्यवस्था

मथुरा || ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने शनिवार को वृन्दावन TFC में जनपद में इस वर्ष होने वाले पौधरोपण की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने तय लक्ष्य 31 लाख से अधिक पौधे लगाने के निर्देश दिए। हर गांव में कम से कम 3500 पौधे लगेंगे।

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों द्वारा वन विभाग के समन्वय से तय लक्ष्य से अधिक और गुणवत्तापूर्ण कार्य हो डीएम यह सुनिश्चित करें। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण जन आंदोलन से संतों, छात्रों, प्रोफेशनल, ग्राम प्रधानों समेत सभी वर्गों को जोड़ें। 

 पौधों के रखरखाव के लिए विभाग नोडल अधिकारी बनाएंगे और मॉनिटरिंग के लिए मजिस्ट्रेट भी होंगे।

यमुना के दोनों किनारों के संरक्षण और वृक्षारोपण के ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए। कटान रोकने, यमुना शुद्धिकरण और वन्यजीव संरक्षण हेतु जनपद में करीब 190 एकड़ कुम्भ क्षेत्र को संरक्षित किया जा रहा है, इसमें अब तक 65 एकड़ संरक्षित हो गया है। 

ऊर्जा मंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पूज्य संतों और ब्रजवासियों के संग वृन्दावन में यमुना तट पर कुम्भ क्षेत्र, गोवर्धन में कुसुम सरोवर और अड़ींग में किलोल कुंड के किनारे पौधरोपण भी किया। वृन्दावन कुंभ क्षेत्र में 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हरित ब्रज का संकल्प पूरा करने के लिए सभी धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों, अन्य राज्यों व जनपदों से आने वाले रास्तों और यमुना के दोनों किनारों पर वृक्ष लगाएं। गिरिराज जी की तलहटी को भी हरा भरा करें। जनपद के 350 छोटे बड़े कुंड और पोखरों में जल संचय, सुदृढ़ीकरण के साथ किनारों पर वृक्ष भी लगाएं।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जनपद में वन विभाग की 1400 हेक्टेयर जमीन के 1 इंच पर भी अतिक्रमण न हो, यह सुनिश्चित किया जाये।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरुप आम, अमरूद, नीम, महुआ, जामुन, ताड़, बड़हर, आंवला, कैथा, बेल, गूलर, कटहल, इमली, लसोहड़ा, पाकरि, पीपल, बरगद, मोरछली, कदम जैसे फलदार व छायादार वृक्ष लगाएं और पंचवटी तैयार करें। पशु-पक्षियों के लिए छोटे पोखर की तर्ज पर वाटर होल बनाएं। बंदरों को खाने के लिए फल और पीने के लिए जल का प्रबंध हो ताकि उन्हें शहर में भटकना न पड़े व आमजन को परेशानी न हो।

मयूर संरक्षण केंद्र के पीछे 400 एकड़ सहित शहर में अन्य सघन वन तैयार किये जायें जो आमजन के स्वास्थ्य लाभ के हिसाब से विकसित हों।

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