बारिश के दिनों में बड़े नालों के साथ ही छोटी नालियों के जाम होने से कई मोहल्लों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह स्थिति हर बारिश में बनती है। हर बार बरसात से पूर्व नालों की सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है। ऐसा इस बार भी हो रहा है। नगर पालिका परिषद जौनपुर की ओर से 40 बड़े नालों की सफाई का दावा किया जा रहा है, लेकिन स्थिति कुछ और ही है। अधिकांश नाले जाम हैं। नगर में 21 हजार मीटर भूभाग में नाले फैले हैं। नगरपालिका प्रशासन का कहना है कि अप्रैल व मई माह में ही नालों की सफाई की जा चुकी है, लेकिन अभी चक्रवाती तूफान में हुई बारिश में ही स्थिति बदतर हो गई थी। आगे मानसून की बारिश में स्थिति क्या होगी इसे स्वत: समझा जा सकता है। आबादी बढ़ी मगर नहीं बढ़ी नालों की संख्या
नगर पालिका क्षेत्र जौनपुर की आबादी लगभग तीन लाख से अधिक है। नगर क्षेत्र का दायरा 49 वर्ग किमी है और यहां लगभग 38 हजार मकान बने हैं। 50 वर्ष पहले जहां आबादी 80 हजार के करीब थी। उस समय नगर में मकानों की संख्या 10 हजार रही, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम अभी भी वही हैं जो पहले रहे। अलबत्ता उस समय बारिश के पानी के बहाव के लिए खाली रहने वाले क्षेत्र भी अब मकानों से भर गए हैं। हालांकि इन दिनों अमृत योजना के तहत शिविर लाइन बिछाने का काम हो रहा है, लेकिन अभी वह भी अधूरा है। ऐसे में बरसात के दिनों में जल निकासी चुनौती साबित होगी। गली-मुहल्लों के छोटे नाले-नालियों के भी चोक होने से वहां की भी स्थिति भी बदतर होने की बात कही जा रही है। इन क्षेत्रों में हैं बड़े नाले
अहियापुर, खासनपुर, ईशापुर, गंगापट्टी, कालीकुत्ती, मीरमस्त, मखदूम शाह अढ़न, रुहट्टा, पालीटेक्निक चौराहा, नईगंज, कचहरी रोड, खराका तिराहा, गांधी तिराहा क्षेत्र बड़े नाले हैं। जिसमें अधिकांश नालों की अभी सफाई नहीं हो सकी है।
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