*झुठी शान के है,कांग्रेसी नेताओं के चेहरे?*
बाग /–सिविल-अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की संरचना की गाईड लाईन बनी हुई है।उसी अनुसार उसमे सम्मिलित सदस्यों को नामांकित किया जाता है। जिसमे सिविल–अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष,
क्षेत्रीय विधायक ही रहेगे।
क्षेत्रीय विधायक की अनुपस्थिति मे उनके द्धारा लिखित रुप से नामांकित सदस्य,सिर्फ़ बैठक की अध्यक्षता कर सकेंगे।
अध्यक्षता करनें वाले सदस्य समिति के अध्यक्ष नही कहलायेंगे।
यह इसी शब्द से पुष्टि होती है।
परन्तु बाग मे तो विधायक ने जिस कांग्रेस नेता को नामांकित किया है,वह स्वयं भू अध्यक्ष कहलाने मे गर्व महसूस करता है,जबकि वह न तो अध्यक्ष नामांकित है,न ही पत्राचार की भाषा मे आता है। 
जबकि वही समाचारपत्रों मे भी,पत्रकार बिना जाँच पड़ताल के,उसे रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष लिखकर,उसकी झुठी शान मे कसीदे पढ़वा रहे है।ताज्जुब तो यह भी है कि,
विभाग के अधिकरी भी इस बात का खंडन नही करके,विधायक एवं समिति के निर्णयों के मान–मर्यादा एवं समिति की गाईड लाईन का खुला उल्लंघन देख रहे है,एवं उस सदस्य को उसके आचरण विरुद्ध,उनकी मौनचुप्पी क्या संदेश देती है,यह वे ही जाने? 
जबकि क्षेत्रीय विधायकजी ने,अपनी पार्टी के सत्तारूढ़ होने पर,उनके पास केबिनेट  मंत्री पद का दायित्व होने से,उक्त कांग्रेसी नेता को समिति मे अपने प्रतिनिधि के रुप मे सम्मिलित करने की अनुशंसा कि गई थी।
न कि,अपना अध्यक्षीय आसंदी पद पर नियुक्ति कि गई थी।यह पत्र मे भी कही उल्लेख नही है।
इस संबंध मे भाजपा मंडल अध्यक्ष ने बी.एम.ओ. से मिलकर,समाचारपत्र मे कांग्रेसी नेता जो रोगी कल्याण समिति का  अध्यक्ष लिखने पर,अपनी आपत्ति दर्ज करवाकर,प्रभारी मंत्री से,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाग की समिति के पूर्नगठन की मांग की गई है।
अब देखना है कि यह राजनीतिक गर्माहट कितनी दुर तलक अपनी दुंदुभी बजाती है।

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