बेपटरी हुई विद्युत व्यवस्था उमस भरी गर्मी में बिजली ने किया हाल-बेहाल
◼️ भीषण उमस भरी गर्मी मे कीड़े मकोड़ों की तरह जीने को मजबूर हैं लोग
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरो)
अंबेडकरनगर। बिजली को लेकर यूपी सरकार बढ़े-बढ़े दावे करती है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बिजली विभाग को लकवा मार गया है। बिजली कटौती से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। उपकेंद्रों पर फोन करने पर अधिकारी और कर्मचारी हाथ खड़े कर दे रहे हैं। लोगों की नाराजगी से बचने के लिए फोन स्विच ऑफ कर दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से विभिन्न हिस्सों में अघोषित बिजली कटौती का दौर जारी है। भीषण गर्मी ने पावर सिस्टम के साथ ही सरकार द्वारा बिजली आपूर्ति की तैयारियों की पोल खोलनी शुरू कर दी है। हालत यह है कि कहीं प्राकृतिक कारणों से तो कहीं तकनीकी गड़बड़ी के कारण भी कई-कई घंटे बिजली गुल हो रही है। जनपद में ऊपर से तो बिजली भरपूर आ रही है परन्तु स्थानीय विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण जनपद और शहरवासियों को पूरी तरह बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली तारों और ट्रान्सफार्मरों का सही समय पर मेन्टीनेन्स न होने के कारण बार बार होने वाली फाल्ट के कारण जनपदवासियों को बिजली नहीं मिल पा रही है और लोग भीषण उमस भरी गर्मी में कीड़ें-मकोंडों,की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। फाल्ट होने पर जो फाल्ट आधा घंटे में दुरुस्त हो जाना चाहिए उसे विभाग 3-4 घंटे में भी दुरुस्त न कर पाता है। जब जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मचारियों को विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मोबाईल पर अपनी समस्या को लेकर उपभोक्ता फोन करता भी है तो अक्सर फोन बंद आता है या फोन उठाया नहीं जाता है। यदि फोन कभी धोखे से उठ भी जाता है तो उपभोक्ता की समस्या को गम्भीरता से न सुनकर टाल दिया जाता है।
धुंआधार बिजली कटौती से जनता परेशान हैं। कई इलाकों में प्रतिदिन घंटों बिजली कटौती हो रही है। कटौती से पूरे जनपद के लोग हुए त्रस्त। लिहाजा जनता के सब्र का पैमाना छलकने लगा है। लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, कई इलाकों में तो लोग सडक़ों पर उतरने की तैयारी करने जा रहे हैं।बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। उमसभरी गर्मी से लोग परेशान हैं। ऐसे में बिजली की कटौती लोगों के गुस्से को और बढ़ा रही है। शहर के किसी भी कोने में जाइए, लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। थोड़े-थोड़े अंतराल पर बिजली कटौती हो रही है। सुबह से रात तक बिजली उपकेंद्रों से ट्रिपिंग और शटडाउन का खेल जारी रहता है। बारिश के साथ ही परेशानी और बढ़ गई है। शहजादपुर कस्बे के रहने वाले शोमनाथ कहते हैं कि पिछले पांच सालों में इतनी कटौती कभी नहीं हुई। ऐसा लग रहा है कि चुनाव के दौरान सिर्फ दिखावे के तौर पर बिजली रहती थी।
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