एमनएम सेंटर पड़ा हैं वीरान ज़िम्मेदारों को सुध ही नहीं 

     गिरजा शंकर गुप्ता 

अंबेडकरनगर।  गर्भवती ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराएं जाने की मंशा से गांव में स्थापित एएनएम सेंटर वीरान पड़ा है। यहां विभाग का कोई कर्मी झांकने तक नहीं आता। इससे यहां टीकाकरण से लेकर महिलाओं को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। देख-रेख के अभाव में भवन जर्जर हो खंडहर में तब्दील होने लगा है। 
गर्भवती ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा टीकाकरण आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर लाखों रुपये खर्च कर टांडा तहसील क्षेत्र के गांव दौलतपुर महमूदपुर में एएनएम सेंटर निर्माण कराया गया है। इसके उपरांत यहा एएनएम सहित अन्य कर्मचारी की तैनाती भी कर दी गई। कर्मचारियों की उदासीनता के चलते यह एएनएम सेंटर वर्षों से बंद है। वर्षो पूर्ब स्थापित यह एएनएम सेन्टर बदहाल है। 
आलम यह हैकि  यहा देख-रेख के अभाव में एएनएम सेन्टर के भवन की खिड़कियों के शीशे टूट कर गायब हो चुके है, पूरे भवन का फर्श टूट कर क्षतिग्रस्त हो गया है। अन्दर कमरो में कुड़ो का ढ़ेर लगा हुआ है। कमरो में लगे दरवाजो को दिमक नष्ट कर रहे है। जिसका नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण महिलाओ को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा से बना एएनएम सेन्टर देख-रेख के अभाव में जर्रर हो खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है। यहा तैनात एएनएम के न आने के चलते चारो तरफ गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है। यहा चिकित्सा का लाभ पाने के लिए आने वाली ग्रामीण महिलाओ को बैंरग ही वापस लौटना पड़ रहा है। लेकिन इसकी सुधि लेने की फिक्र जिम्मेदार महकमे को नही है। ग्रामीण सुखदेव बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण हेतु जब एएनएम सेंटर ले जाया जाता है, वहा ताला लगा मिलता है, जिसके बाद वापस लौटने को मजबूर होना पड़ता हैं। गांव में एएनएम सेंटर से लोगो को लाभ नही मिल पा रहा हैं।

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