उतरौला (बलरामपुर)
पिपराराम गांव में मामूली कहासुनी के बाद शुक्रवार सुबह हुए खूनी संघर्ष में एक पक्ष के रामदेव की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। मौत के बाद गांव में संघर्ष की संभावना के दृष्टिगत गांव में पीएसी व पुलिस बल की चौकसी बढ़ा दी गई है। दूसरे पक्ष के आरोपियों को बलरामपुर में इलाज के दौरान अभिरक्षा में ले लिया गया है। प्रभारी निरीक्षक पंकज सिंह ने बताया कि गांव में शांति है। मृतक का शव अभी गांव में नहीं आया है। घटना के बारे में बताया कि शुक्रवार सुबह लगभग नौ बजे भोला शौच के बाद घर की तरफ आ रहे थे। रामदेव के भतीजे शिवाकांत ने कुत्ते को भगाने के लिए ईंट फेंकी जो सड़क के पानी भरे गड्ढे में जा गिरी। गंदे पानी का छींटा भोला पर पड़ गया। इससे नाराज भोला ने गाली गलौज शुरू कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग एक दूसरे पर फरसा, लाठी लेकर हमलावर हो गए। दोनों तरफ के कुल सात लोगों को चोटें आईं हैं। रामदेव के सिर पर धारदार हथियार से हुए हमले के बाद हालत नाजुक होने पर बलरामपुर से बहराइच रेफर कर दिया गया। बहराइच से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। वहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान रामदेव की शनिवार सुबह मौत हो गई। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की सूचना पाकर सीओ उदयराज सिंह ने घटनास्थल पर जाकर स्थिति की जानकारी ली। मृतक का भाई रामजस रेहरा थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद चौकी में पीआरवी में तैनात है। घटना के दौरान वह वहीं था। दूसरे पक्ष का भोला पिपराराम गांव का चौकीदार है। दोनों पक्ष पट्टीदार हैं और दोनों का घर सटा हुआ है।
उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।
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