विश्व योग दिवस पर विशेष 
आगरा। 21 जून यानी विश्व योग दिवस प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है। हमारे दैनिक जीवन में योग को जन्म देने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है। विश्व योग दिवस को दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ मनाया जाता हैं।

इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार के सलाहकार सदस्य एवं आत्मनिर्भर एक प्रयास के चेयरमैन राजेश खुराना ने योग दिवस की ह्रदय से हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए संवाददाता वार्ता में कहा कि योग शब्द संस्कृत की ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना यानी शरीर,मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना। "योगश्च चित्तवृत्ति निरोध" यानी मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है। भागवत गीता में कहा गया है कि "योग: कर्मसु कौशलम" यानी कर्मों में कौशल या दक्षता ही योग है। योगा एक ऐसी वैज्ञानिक प्रमाणिक व्यायाम पद्धति है।जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती हैं और न ही अधिक खर्च करना पड़ता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योगा की लोकप्रियता और इसके नियमित अभ्यास करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। योगा अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। भारतीय पौराणिक युग से योग की जड़े जुडी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया। शिव, जिन्हें आदि योगी के रूप में भी माना जाता है, को दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है। योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है। योगा ऐसी व्यायाम पद्धति है जिसमें न तो कुछ विशेष व्यय होता है और न इतनी साधन-सामग्री की आवश्यकता होती है। योगा अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। आसनों में जहां मांसपेशियों को तानने, सिकोड़ने और ऐंठने वाली क्रियायें करनी पड़ती हैं, वहीं दूसरी ओर साथ-साथ तनाव-खिंचाव दूर करनेवाली क्रियायें भी होती रहती हैं, जिससे शरीर की थकान मिट जाती है और आसनों से व्यय शक्ति वापिस मिल जाती है। शरीर और मन को तरोताजा करने, उनकी खोई हुई शक्ति की पूर्ति कर देने और आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से भी योगासनों का अपना महत्वपूर्ण महत्व हैं। योगाभ्यास के बहुत सारे लाभ है नियमित रूप से योग करने से हमारे शरीर की लचक बनी रहती है और योग के अलग-अलग आसन का प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर पड़ता है। अतः प्रातः काल प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है शरीर के स्वस्थ रहने से विचार करने की क्षमता एवं मन भी प्रसन्न रहता है। युवाओं के लिए तो योग करना अत्यंत आवश्यक है। योग करने से युवाओं की एकाग्रता भी बढ़ती है जो लोग कहीं नौकरी करती हैं या दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहते हैं और कोई व्यायाम नहीं कर पाती हैं ऐसे लोग प्रातः काल या जब भी उचित समय मिले नियमित रूप से योगाभ्यास के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आत्मनिर्भर एक प्रयास की फाउंडर व वरिष्ठ समाजसेविका नोनिता खुराना ने बताया कि योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि योग से लाभ भी हैं तो हानियां भी हैं,अगर शारीरिक की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश करने से आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। योगाभ्यास करते समय चोट लगना शायद आपको आम लग रहा होगा,लेकिन योग के दौरान लगने वाली चोट आम नहीं होती, क्योंकि इसमें गर्दन,घुटने और कंधे की चोट शामिल हैं। योगाभ्यास के दौरान मांसपेशियों के फटने, हर्नियेटेड डिस्क और कार्पल टनल की परेशानी भी देखने को मिलती है। साथ ही कुछ योगासनों से हाथों पर अधिक बल पड़ता है, जिससे कलाई, कोहनी और कंधे को क्षति होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि अत्यधिक योगाभ्यास से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और सोडियम का स्तर कम हो जाता है, अगर योग करने के बाद आपको चक्कर, थकान या अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है तो ये संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आप बहुत ज्यादा योग कर रहे हैं। योगाभ्यास करते समय जरुरत से ज्यादा शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी के विरूद्ध जोर दिया जाए तो शरीर की मांसपेशियां ज्यादा खिंच जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के उस हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में समय रहते अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाए तो शरीर का वह हिस्सा लकवाग्रस्त होने की संभावना हो जाती है। हमारी अपील हैं कि बिना एक्सपर्टस की सलाह के गलत तरीके से योग ना करें। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। योग का अभ्यास एक बेहतर इंसान बनने के साथ एक तेज दिमाग, स्वस्थ दिल और एक सुकून भरे शरीर को पाने के तरीकों में से एक है। योग अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 में आरंभ होने के बाद, हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह हमारे जीवन में इस प्राचीन भारतीय कला को अनमोल करने के महत्व पर बल देने का एक महान प्रयास है। हमारे पड़ोसी देशों और दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ इस दिन को मनाया जाता हैं।

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