डायरिया यानी डीहाइड्रेशन तेजी से फैलता है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी खुली तो डॉक्टरों के पास मौसम से होने वाली बीमारी के मरीज आने लगे हैं। इनमें उल्टी, दस्त,, पेट दर्द के रोगियों की संख्या ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि अपने अलावा बच्चों का खास ख्याल रखना होगा। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अम्बुज त्रिपाठी कहते हैं कि बच्चों के नाखून अक्सर गंदे होते हैं, हथेली पर गंदगी के साथ तमाम जहरीले कीटाणु भी रहते हैं। यही गंदगी मुंह के रास्ते गले और पेट में पहुंच कर नर्वस सिस्टम को कमजोर करती है। खाने की पाचन शक्ति अचानक घट जाती है और उल्टी-दस्त होने लगते हैं। इसलिए बच्चों के नाखून हमेशा काटते रहें। उन्हें भी उबला हुआ पानी पिलाएं। 

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