गंगा नदी पर बने शास्त्री ब्रिज से सफर आरामदायक होगा। पुल की जर्जर सड़कों पर वाहन हिचकोले नहीं खाएंगे। इसकी तैयारी की जा रही है। शास्‍त्री पुल की सड़क को उखाड़कर नए सिरे से बनाया जाएगा। इसके लिए करीब पांच करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया है। शासन से इसकी स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। फिलहाल उखड़ी सड़क की पैचिंग की जा रही है। बारिश के बाद इस पर काम शुरू हो सकता है देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री के नाम पर प्रयागराज के गंगा नदी पर बना शास्त्री ब्रिज अति महत्‍वपूर्ण है। यह न सिर्फ वाराणसी बल्कि जौनपुर, गोरखपुर आदि पूर्वांचल के जिलों को प्रयागराज से जाेड़ता है। यह ब्रिज करीब 22 सौ मीटर लंबा है। फोन लेन बने इस ब्रिज की सड़क 2012 में बनाई गई थी प्रयागराज से वाराणसी की ओर जाने वाली लेन ज्यादा उखड़ी है। इस पर गिट्टी, बालू और सिलिका सैंड के ओवरलोड ट्रक अधिक गुजरते हैं। प्रयागराज से इन खनिज को लेकर ओवरलोड ट्रक वाराणसी, गोरखपुर, जौनपुर आदि को जाते हैं। जबकि इसकी दूसरी लेन कुछ ठीक है। उस लेन में गड्ढे कम हैं। एक लेन के ज्यादा क्षतिग्रस्त होने पर लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है पिछले दिनों ब्रिज की बदहाल सड़क की स्थिति को दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया तो लोक निर्माण विभाग ने वहां पर पैचिंग का काम शुरू करवा दिया है। चूंकि यह सड़क कई बार उखड़ चुकी है और पैचिंग से काम नहीं चल रहा है। इसलिए इसे नए सिरे से बनाने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है। फोरलेन की सड़क को बनाने में करीब पांच करोड़ रुपये का खर्च आएगा। चूंकि सड़क ब्रिज के ऊपर है, इसलिए इसकी मोटाई ज्यादा नहीं होगी। यहां पर 25 मिलीमीटर मोटाई की मैस्टिक टर्फ बिछाई जाएगी। इसे बनाने के लिए पहले पूरी लेयर उखाड़ी जाएगी, फिर वहां पर मैस्टिक की नई लेयर बिछाई जाएगी। एक बार बनने के बाद करीब 10 साल तक यह चलेगी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अजय गोयल कहते हैं कि शास्त्री ब्रिज के सड़क की एक लेन ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गई है। ओवरलोड के चलते इसकी मैस्टिक टर्फ उखड़ चुकी है। अब पैचिंग से भी काम नहीं चल रहा है। इसे नए सिरे से बनाया जाएगा। उसके लिए प्रस्ताव बन रहा है। शासन से प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद सड़क का निर्माण किया जाएगा।

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