कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के बाद बाजार में चारों ओर भीड़ और जाम की स्थिति रही। दुकानों पर न कोई टोकाटाकी और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किसी को कोई दबाव था। जैसे व्यापारी, वैसे लोग। मास्क तो पहने थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग नहीं थी। बाजार में भी जहां-तहां जाम की स्थिति थी। उधर गाइड लाइन का पालन कराने के लिए जिम्मेदार पुलिस भी बेफिक्र दिखी।दिन में नई सड़क, गोदौलिया, मैदागिन, विशेश्वरगंज, चेतगंज, सिगरा, चौकाघाट, नदेसर, अर्दलीबाजार, मंडुवाडीह बाजार, पांडेयपुर आदि जगहों पर यही स्थिति रही। सभी दुकानें खुली रहीं। दोपहर में कम भीड़ रही लेकिन जैसे ही शाम हुई, दुकानों के बाहर एक पर एक लोग चढ़े थे। कोरोना महामारी का कहीं न डर था, ना ही खुद कोई जागरूकता। दुकानदार खुद को तो सुरक्षित रखे थे। रस्सियां लगी थीं पर खरीदारों के लिए कोई रोक-टोक नहीं थी।

पुलिस भी शांत, शाम को सक्रिय

शाम सात बजे के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई। बाजार बंद होने के समय लोगों को घर भेजने के लिए जगह-जगह पुलिस उतरी। चेतगंज, सिगरा, नई सड़क, गोदौलिया आदि जगहों पर शाम को पुलिस टीमों ने बाजार बंद कर लोगों से घर जाने की अपील की। शाम को चेतगंज, लहुराबीर, चौकाघाट, अंधरापुल, अर्दलीबाजार में जाम की स्थिति बनी रही।चार थानों में बिना मास्क के जुर्माना जीरो रहा

कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के बाद पहले दिन ही मंगलवार को कमिश्नरेट के चार थाने चेतगंज, शिवपुर, मंडुवाडीह और सारनाथ ऐसे रहे, जहां पुलिस को बिना मास्क का एक भी व्यक्ति नहीं मिला। जबकि अन्य दिनों में 40 से 50 लोगों का चालान काटा जाता था। यही नहीं सभी 16 थानों में महामारी अधिनियम में केवल 16 लोगों के चालान काटे गये। जबकि नियम तोड़ने पर वाहनों से शमन शुल्क केवल यातायात पुलिस ने ही वसूला। बाकी थानों की रिपोर्ट जीरो रही। यातायात पुलिस ने 111 वाहनों से 87 हजार रुपये वसूले।

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