खेत से लेकर सड़क तक मुसीबत बने आवारा पशु
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अम्बेडकरनगर। आवारा पशु जहां किसानों की फसल के दुश्मन बन गए हैं वहीं ये सड़कों पर दुर्घटना का पर्याय बन गए हैं। सड़कों पर इनके विचरण करने से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
अन्नावां के पास छुट्टा गों वंशों से सड़क पर टकराने से दो लोग घायल हो गए। शिवबाबा व कटेहरी में भी छुट्टा गोवंशों से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इन छुट्टा गो वंशों को संरक्षित करने के लिए भले ही पशु आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं लेकिन यहां तो पशु आश्रय स्थलों की अपेक्षा कई गुना गो वंश गांव से लेकर शहर तक विचरण कर रहे हैं। किसान अपने खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। धान नर्सरी को बचाने के लिए किसान उसे बांस बल्ली बांध कर सुरक्षा कर रहे हैं फिर रात में ये गो वंश बेरा तोड़ कर धान की नर्सरी को ग्रास बनाने से बाज नहीं आते हैं। सड़कों पर भी इन दिनों इनकी बाढ़ सी आ गई है, जिससे सड़क हादसे हो रहे हैं। इन गो वंशों को पकड़ कर पशु आश्रय स्थल में संरक्षित करने के लिए नगर पालिका परिषद अकबरपुर व किछौछा में कैटल कैप्चर वाहन उपलब्ध हैं लेकिन इन वाहनों का उपयोग पशुओं को पकड़ने में नहीं करने से वर्तमान समय में गांव से लेकर शहर तक छुट्टा गो वंशों की बाढ़ आ गई है और ये पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।
छुट्टा गोवंशों को पशु आश्रय स्थलों में संरक्षित कराने की जिम्मेदारी नगर पालिका और ग्राम पंचायतों की है। संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।
डा. एसके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अम्बेडकरनगर
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