--------------------प्रेस विज्ञप्ति------------
**डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव,  अयोध्या ब्यूरो चीफ*
सरकार ऑनलाइन क्लासेस का फीस करें तय- नवाब सिंह

अभिभावकों के आर्थिक तंगी का भी रखा जाए ध्यान

अयोध्या। कोरोना कालखंड के दौरान देश का हर नागरिक आर्थिक रूप से कमजोर हुआ है। लेकिन इस कोरोना महामारी में अगर कोई वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ है तो वह वर्ग निम्न व मध्य वर्गीय परिवार है। इस महामारी में एक तरह से आर्थिक ब्रजपात हुआ है। आर्थिक रूप से टूट चुके मध्यवर्गीय परिवारो को और गरीब बनाने में नामी गिरामी स्कूल के प्रबंधतंत्र व कमर तोड महंगाई ने पूरा कर दिया। कोरोना काल में ज्यादा तर लोगों के काम धंधे चौपट हो चुके हैं। इस बीच बच्चों की पढ़ाई की फीस का बोझ और महंगाई ने उन्हें आर्थिक रूप से गरीबी की ओर धकेल दिया है। बावजूद इसके विद्यालयों की ओर से ऑनलाइन क्लासेस चलाकर फीस वसूली का दबाव बच्चों के अभिभावकों का बनाया जाता रहा है। किंतु जिस प्रकार प्रधानमंत्री द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री को बुलाकर परीक्षाओं को स्थगित कराने का निर्णय लिया गया उसी तरह ऑनलाइन क्लासेस की फीस तय करने के लिए कोई पालिसी नहीं बनाई गई। जिसका नतीजा यह है कि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और मध्यवर्गीय परिवार भी गरीब होता जा रहा है।
उक्त विचार फीस माफी अभियान के चर्चित समाजसेवी व करणी सेना के प्रदेश प्रवक्ता नवाब सिंह ने व्यक्त किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि जिस तरह से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को निरस्त कराने के लिए शिक्षा मंत्रियों से निर्णय करने का कार्य कराए गए हैं। उसी तरह स्कूल प्रबंधकों को भी ऑनलाइन क्लासेस की फीस तय किए जाने का आदेश पारित करना चाहिए। चूंकि कोरोना काल के दौरान विद्यालय बंद रहे हैं। इस बीच कुछ दिनों तक सरकार के आदेश पर ऑनलाइन क्लासेज भी बंद रहे हैं। समाजसेवी श्री सिंह ने कहा कि ऐसी दशा में स्कूल प्रबंधन को भी नुकसान न उठाना पड़े और बच्चों के अभिभावकों पर इस महामारी में अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। इसके लिए सरकार को आगे आना चाहिए और फीस माफी और आनलाइन क्लासेस को लेकर एक नियमावली बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे भी इस महामारी में अमीर की इनकम और बढ़ गई जबकि मध्य वर्गीय परिवारों कि आए घट गई है और निम्न व मध्य वर्ग और भी गरीब होते जा रहे हैं। दूसरी तरफ महंगाई के चलते आर्थिक रूप से पहले से ही लोग परेशान चल ही रहें हैं। ऐसी दशा में सरकार को ऑनलाइन क्लासेस की फीस निर्धारण को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।अन्यथा की स्थिति में कोरोना कॉल में आर्थिक रूप से कमजोर यानि गरीब हो चुके मध्यवर्गीय परिवार सरकार को ही कोसना शुरू कर देंगा। आवश्यकता है कि सरकार गरीब अभिभावकों के बारे में सोचें और ठोस कदम उठाएं।

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