काशी विद्वत परिषद ने बाबा रामदेव को अपनी जुबान पर लगाम लगाने की चेतावनी देते हुए उनसे ज्योतिष का मान मर्दन करने वाला बयान अति शीघ्र वापस लेने को कहा है। रविवार को ऑनलाइन हुई बैठक में विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने सर्व सम्मति से निर्णय किया कि यदि बाबा रामदेव अपनी बात वापस नहीं लेते तो काशी विद्वत परिषद उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के लिए न्यायालय की शरण लेने से भी पीछे नहीं हटेगा।बैठक के दौरान विद्वानों ने कहा कि बाबा रामदेव द्वारा ज्योतिष शास्त्र को अनर्गल प्रलाप बताया जाना न इस सनातनी विद्या का अपमान है बल्कि इस विद्या के माध्यम से जनकल्याण करने वाले देशभर के ज्योतिषियों का भी अपमान है। वह विशुद्ध रूप से कारोबारी हैं। वह आयुर्वेद के नाम पर अपना कारोबार करते रहें हमें उससे कोई लेनादेना नहीं है लेकिन शास्त्रीय मर्यादाओं का उल्लंघन करेंगे तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। बेशक बाबा रामदेव ने योग को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है लेकिन इसके लिए भी उन्होंने मनचाही कीमत वसूली है। एक कारोबारी को इसबात की छूट नहीं दी जा सकती कि वह हमारे धर्मग्रंथों और शास्त्रों पर कोई प्रश्नचिह्न लगाए। ज्योतिषशास्त्र पर हिंदू धर्मावलंबियों की अपार आस्था है। उन्होंने अपने बयान से इस आस्था को भी चोट पहुंचाने का काम किया है। काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, डॉ. रामनारायण द्विवेदी, पं. दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो रामचंद्र पांडेय, प्रो बिंदेश्वरी प्रसाद मिश्र और प्रो. हर प्रसाद द्विवेदी उपस्थित रहे।


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