जिले के प्रगतिशील किसान औद्यानिक खेती से अपनी आय बढ़ा रहे हैं। जिला के सिटी, पटेहरा और सीखड़ विकास खंड में इस प्रकार की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से खीरा, खरबूज, ड्रैगन फ्रूट, झरबेरा, केला आदि की खेती शामिल हैं। सिटी ब्लाक के ग्राम नुआंव में रामजी दूबे के प्रक्षेत्र पर दो हजार वर्गमीटर में निर्मित पाली हाउस का निर्माण कराया गया है। पाली हाउस में खीरा का रोपण कराया गया है। केले की खेती की जा रही है। किसान का कहना है कि खरबूजा और खीरा से उनको प्रतिवर्ष चार से पांच लाख रुपये का शुद्ध लाभ हो रहा है। इसी ग्राम के ज्ञान प्रकाश दूबे के खेत में लगभग तीन बीघे में लगभग छह हजार ड्रैगन फ्रूट पौधे का रोपण कराया गया है। पटेहरा विकास खंड के ग्राम पटेहरा में ब्रजेश प्रताप सिंह के प्रक्षेत्र पर दो हजार वर्गमीटर में निर्मित पाली हाउस में खीरे का उत्पादन हो रहा है। ग्राम करौंदा के कृषक नजम अंसारी के प्रक्षेत्र पर चार हजार वर्गमीटर में निर्मित पाली हाउस पर झरबेरा पुष्प की खेती की जा रही है। इसी गांव में नदीम कयूम अंसारी के प्रक्षेत्र पर चार हजार वर्गमीटर में बने पाली हाउस में डच रोज की खेती की जा रही है। पटेहरा के कृषक मनोज कुमार के तीन हैक्टेयर प्रक्षेत्र में स्थापित मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई की जा रही है। इसी गांव में उद्यान विभाग द्वारा संचालित राजकीय पौधशाला पटेहरा कलां में भी विभिन्न प्रकार के फलदार वृक्षों का उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि इस वर्ष वृहद पौधरोपण के लिए इस पौधशाला में लगभग तीन लाख पौध उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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