अम्बेडकर नगर जिले के तहसील आलापुर क्षेत्र के निकट विकासखण्ड अन्तर्गत मैत्रेय शोध संस्थान के संस्थापक प्रबंध निदेशक दिवंगत बाबू विजय प्रताप का शांति पाठ व श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की गई तथा भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई मौके पर सैकड़ों की उपस्थिति कोरोना प्रोटोकॉल के तहत रही। श्रद्धाजंलि सभा का संचालन डॉ राकेश कुमार ने किया आयोजन संस्थान के कार्यालय बोद्ध विहार पर किया गया।वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला कहा कि उनके असमय जाने से दलित व पिछड़े वर्ग की अपूर्णनीय क्षति हुई है समाज उनका सदैव ऋणी रहेगा विजय प्रताप बौद्ध द्वारा किए गए कार्य स्मरणीय व आदर्श रहेंगे।
   बौद्ध ने सर्वप्रथम राजेसुल्तानपुर जनपद अंबेडकर नगर में भगवान बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सहित अन्य बहुजन महापुरुषों की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक क्रांति की शुरुआत की सर्वप्रथम क्षेत्र में बाबासाहेब डॉ.अंबेडकर की जयंती मनाने जैसे साहसिक कार्य की शुरुआत किया। साहसी और जागरूक साथियों के साथ मिलकर क्षेत्रवासियों को बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम व बौद्ध धर्म से परिचय कराया। बहुजन बच्चों को शिक्षित करने हेतु सन 1985 में आपने सरकार से लगभग एक एकड़ भूमि आवंटित कराकर 'अंबेडकर बाल विद्या मंदिर' नामक शिक्षण संस्थान खोला। इसी क्रम में इनकी प्रेरणा से ही राजेसुल्तानपुर नगर में 'पंडित राहुल सांकृत्यायन विद्याविहार' नामक शिक्षण संस्थान खुला,जिसके संस्थापक एवं आजीवन अध्यक्ष भी रहे ।समता-बंधुता-मैत्री-करुणा आधारित धम्म के प्रचार- प्रसार हेतु ।और वही डॉ.अम्बेडकर के दीक्षा दिवस के अवसर पर आपने पंचशील धम्मयात्रा की शुरुआत की, जो अद्यतन जारी है। बुद्धिजीवियों को एकत्रित कर 'मैत्रेय शोध संस्थान' नामक संस्था का गठन कर जनपद में अंबेडकरवाद एवं बुद्धवाद को गति देने का कार्य किया ।सभी बहुजन महापुरुषों की जयंतियां एवं स्मृतिदिवसों के अवसर पर अपने नेतृत्व में कार्यक्रम करवाकर आपने बहुजनों को जागरूक करने का महनीय कार्य किया गांव-गांव में भी कैडर कैंप के माध्यम से बहुजन समाज के लोगों को सामाजिक- शैक्षणिक- धार्मिक- सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से जागरूक करने अंधविश्वास उन्मूलन एवं महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के माध्यम से बहुजन महिलाओं को भी सुशिक्षित, सुसंस्कृत एवं अपने अधिकारों को लेकर सशक्त होकर वैज्ञानिक सोच के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
     बौद्धधम्म, श्रमण संस्कृति एवं बहुजन विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए आपने व्यक्तिगत रूप से लोगों को प्रेरित एवं प्रशिक्षित किया, ताकि आपके न रहने के बाद भी यह कारवां अनवरत रूप से चलता रहे ।
    स्मरणीय संघर्ष ,आंदोलन एवं प्रेरणा से क्षेत्र में भगवान बुद्ध एवं बाबा साहेब डॉ.अंबेडकर की कई मूर्तियां स्थापित हुई जो लोगों को समाज में वैचारिक क्रांति की प्रेरणा देती रहती हैं । राजेसुलतानपुर नगर के समीप भीम नगर तिहाईतपुर में एक एकड़ भूमि पर भव्य बुध्द विहार बनाने की आपकी योजना थी किंतु आपके असमय चले जाने से वह कार्य अधूरा रह गया है लेकिन हम सब यह संकल्प लेते हैं कि आपके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के साथ ही समस्त अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे ।सभी वक्ताओ ने कहा कि उपर्युक्त स्मरणीय एवं महनीय कार्यों को देखते हुए क्षेत्र के समस्त नागरिक आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए शत-शत नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।जनपद की युवा पीढ़ी आपके संघर्षों से प्रेरणा लेकर तथागत बुद्ध ,बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सहित अन्य बहुजन महापुरुषों के विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है,ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।इस मौके पर रणविजय सिंह, श्रीराम मौर्य, रविराज, जयराम मौर्य, रामचरन सिंह, विवेक सिंह, रवीश महंथ, अनिल कुमार, राम उजागिर पाल, वीरेंद्र मौर्य, डॉ शमीम अहमद, रामआसरे, मनोज जायसवाल, श्रीराम राव, सतीश चंद्र, सिगरी देवी, मंजू मौर्य सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

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