हैदरगढ़ (बाराबंकी)। गोमती नदी के टीकारामधाम घाट पर बना पैंटून पुल बह गया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों द्वारा पुल के नीचे व पास का मलबा साफ नहीं कराया गया था। जिसके चलते बारिश में नदी में पानी का बहाव बढ़ने पर लाखों की क्षति हुई है।
क्षेत्र में गोमती नदी पर टीकारामधाम के पास दोनों किनारों के गांवों से आवागमन के लिए कई साल पहले हुए ग्रामीणों के जल आंदोलन पर पैंटून पुल का निर्माण कराया गया था। पुल मानसूनी बरसात से पहने खोल कर उसके पीपे के किनारों पर मजबूती से बांध दिए जाते है।15 जून से पुल खोला जाना था। लेकिन बीते कई दिन हुई बारिश से गोमती के पानी के बहाव में तेजी आने से पुल के कई पीपे, लोहे व लकड़ी के पटरे व अन्य सामान पानी में बह गया। सूत्रों के मुताबिक, नदी में पुल के पास काफी दूर तक जलकुंभी फंसी होने से पानी के बहाव में बाधा पहुंच रही थी। कई माह से जलकुंभी निकालने की मांग की जा रही थी लेकिन विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
तेज बहाव में जलकुंभी के साथ पुल बहने पर विभाग को लाखों की क्षति हुई है। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड अवधेश शरण चौरसिया का कहना है कि पैंटून पुल हर साल बारिश से पहले खोला जाता है। पीपे नदी में आगे फंसे हैं जिनको बांध कर सुरक्षित किया जा रहा है।
क्षेत्र में गोमती नदी पर टीकारामधाम के पास दोनों किनारों के गांवों से आवागमन के लिए कई साल पहले हुए ग्रामीणों के जल आंदोलन पर पैंटून पुल का निर्माण कराया गया था। पुल मानसूनी बरसात से पहने खोल कर उसके पीपे के किनारों पर मजबूती से बांध दिए जाते है।15 जून से पुल खोला जाना था। लेकिन बीते कई दिन हुई बारिश से गोमती के पानी के बहाव में तेजी आने से पुल के कई पीपे, लोहे व लकड़ी के पटरे व अन्य सामान पानी में बह गया। सूत्रों के मुताबिक, नदी में पुल के पास काफी दूर तक जलकुंभी फंसी होने से पानी के बहाव में बाधा पहुंच रही थी। कई माह से जलकुंभी निकालने की मांग की जा रही थी लेकिन विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
तेज बहाव में जलकुंभी के साथ पुल बहने पर विभाग को लाखों की क्षति हुई है। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड अवधेश शरण चौरसिया का कहना है कि पैंटून पुल हर साल बारिश से पहले खोला जाता है। पीपे नदी में आगे फंसे हैं जिनको बांध कर सुरक्षित किया जा रहा है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know