चहलारी नरेश राष्ट्र भक्त, स्वतंत्रता के प्रहरी एवं रक्षक श्री बलभद्र सिंह जी को शत-शत नमन: डाॅ. दिनेश चन्द्र
बहराइच 14 जून। आज हम जिस लोकतंत्र में स्वतंत्रता पूर्वक भारतीय संविधान के अन्तर्गत प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों की संवैधानिक सुरक्षा कवच में सभी प्रकार की मर्यादापूर्ण स्वतंत्रता की प्राप्ति कर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य के सामन्जस पूर्ण परिस्थितियों के बीच सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे है। उसकी पृष्ठभूमि में अपने प्राणों की आहूति देने वाले उन भारत माॅ के सपूतों की बलिदान, त्याग, शौर्य एवं प्राकर्म की अद्भुद अविस्मरणीय, अनुकरणीय वैभव शाली अतीत की रणकौशल की शैली में पारंगत हंसते-हंसते अपने भविष्य के नागरिकों एवं अपनी रियासतों एवं क्षेत्रीय रजवाड़ों की जनता की स्वतंत्रता एवं अखण्ड भारत का स्वप्न मन में संजोएं ऐसे रणबाकुरों को देश एवं राष्ट्र के प्रति निष्ठापूर्ण दी गयी कुर्बानी को स्मरण करने का मन स्वतः ही निष्ठावान भारतीय का करने लगता है।
आज जनपद बहराइच के लिए गौरव का दिन ही नहीं ऐसी उज्ज्वल एवं पराक्रर्मी सोच के अल्प आयु के युवराज राजकुमार युवा राजा जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के युद्ध में भारत माता की स्वतंत्रता के लिए पराधीनता से नागरिकों की आजादी की लड़ाई मात्र 18 से 19 वर्ष की अल्प आयु में अंगे्रजो से लड़ते-लड़ते बहराइच की पावन भूमि को स्वतंत्रता की राह दिखायी। ऐसे भारत माता के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी सेनानी योद्धा चहलारी नरेश श्रीयुत् अमर शहीद बलभद्र सिंह जी के बलिदान दिवस पर जनपद बहराइच के जिलाधिकारी के रूप में मैं अपने अन्र्तमन एवं हृदय से स्मरण करते हुए शत-शत नमन करता हॅू और बहराइच जनपद के आवाम से उनके द्वारा किये राष्ट्रहित में बलिदान को स्मरण कराने के साथ इस जनपद की वैभवशाली परम्परा के प्रति राष्ट्रहित में कृतज्ञता ज्ञापित करता हूॅ। जय हिन्द, जय भारत।
हिंदी संवाद न्यूज़ बहराइच
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