पहाड़ी राज्य की बारिश का पानी बुधवार रात कानपुर पहुंचा। कानपुर जलाशय से पांच चरणों में छोड़ा गया डेढ़ लाख क्यूसेक पानी शुक्रवार रात या शनिवार सुबह प्रयागराज पहुंचेगा। इससे गंगा तट पर सभी श्मशान घाटों के डूबने का खतरा खड़ा हुआ है।

बैराज का पानी यहां पहुंचने पर गंगा के कछार लबालब होंगे। फाफामऊ घाट पर गंगा का जलस्तर तीन मीटर तक बढ़ने का अनुमान जताया गया है। कानपुर बैराज से 27 जून तक लगातार पानी छोड़े जाने की चर्चा है। बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद प्रयागराज और कौशांबी को अलर्ट जारी किया गया है। बैराज से लगातार चार दिन पानी छोड़े जाने की घोषणा के बाद यहां निगरानी बढ़ाई गई है सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के इंजीनियरों ने बताया कि शुक्रवार देर रात या शनिवार सुबह कानपुर बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है। यह पानी पहुंचने पर गंगा का जलस्तर 80 मीटर से अधिक पहुंच सकता है। कई जानकारों का दावा है कि गंगा के कछारी क्षेत्र में बने घरों के आसपास तक पानी पहुंच सकता है। इंजीनियरों के मुताबिक शनिवार सुबह जलस्तर बढ़ने की स्थिति स्पष्ट होगी।

सभी श्मशान घाटों पर डूबेंगे दफन शव

गंगा का जलस्तर 80 मीटर तक बढ़ने पर कछारी इलाकों में दफन शवों पर नदी का प्रवाह होगा। फाफामऊ, छतनाग, शृंग्वेरपुर, नीवा व कंधईपुर श्मशान घाट पर दफन हजारों शवों पर गंगा का प्रवाह होगा गंगा का जलस्तर बढ़ने और कगार में कटान तेज होने के बाद नगर निगम की निगरानी में चूक होने लगी है। नगर निगम की टीम फाफामऊ और छतनाग घाट पर ही निगरानी कर रही है। नीवा और कंधईपुर घाट पर निगरानी नहीं हो रही है। दोनों घाटों पर नगर निगम के कर्मचारी दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। जबकि दोनों घाटों पर सैकड़ों शव दफनाए गए हैं।

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