परिवहन विभाग की ज्यादातर सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं लेकिन विभाग को दलालों के चंगुल से मुक्ति नहीं मिल रही है। ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहन हस्तांतरण, परमिट समेत कई काम अब भी दलालों के मार्फत ही हो रहे हैं। शहर के अनलॉक होते ही परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही दलाल भी सक्रिय हो गए हैं।चौकाघाट स्थित परिवहन विभाग के सिटी कार्यालय में एक दर्जन से अधिक दलालों को सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से दलाल रोजाना हजारों रुपये की अवैध कमाई करते हैं। इस कमाई का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी जाता है। विभागीय अफसरों की अनदेखी के चलते सरकार की ऑनलाइन योजना फेल हो रही है।
ढाई हजार में बन रहा ड्राइविंग लाइसेंस
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस और परमानेंट लाइसेंस के लिए 600 रुपये तय है। इसके लिए बायोमेट्रिक और ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। विभाग में दलाल यही काम 2500 रुपये में आसानी से करा देते हैं। इसके लिए आवेदक को न तो ड्राइविंग टेस्ट देना होता है और न ही ऑनलाइन टेस्ट होता है। केवल आवेदक को बायोमेट्रिक प्रक्रिया के लिए आना पड़ता है। एक दलाल आकाश ने बताया कि सिर्फ दस्तावेज दीजिए। आपको बायोमेट्रिक के लिए आना होगा। बाकी सारा काम हमारे पर छोड़ दीजिए।
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