कोरोना की दूसरी लहर का जिले में कितना असर रहा, कितनों में एंटीबाडी बनी, इसका सीरो सर्विलांस सर्वे छह जून से होगा। इसके लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्र में 31 वार्ड और गांव के साथ ही 18 स्लम एरिया चिंह्नित किए गए है। इसके लिए 16 टीमों का गठन किया गया है।बनारस में अब तक 81 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो गए हैं। इसमें करीब 60 हजार दूसरी लहर में संक्रमित हुए हैं। पिछले 15 दिनों से संक्रमण का ग्राफ तो गिरा लेकिन स्वास्थ्य विभाग को चिंता है कि एंटीबॉडी कितनों में बनी। अगर कम लोगों में एंटीबॉडी बनी होगी तो यह खतरनाक है। इसी की पड़ताल के लिए सीरो सर्वे की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग चिह्नित शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से 24-24 सैंपल लेगा। वहीं चिह्नित 18 स्लम एरिया से 36-36 सैंपल लिया जाएगा। 31 जगह से 744 और 18 स्लम एरिया से 648 सैंपल यानी कुल 1392 सैंपल लिया जाएगा।

क्या होता है सीरो सर्विलांस सर्वे

जब भी हमारे शरीर पर किसी वायरस या बैक्टीरिया का अटैक होता है तो शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। यह एंटीबॉडी विशेष प्रकार का प्रोटीन होता है जो किसी भी संक्रमण से बचाता है। सीरो सर्वे या फिर सीरो सर्विलांस में जांचा जाता है कि कितनी आबादी में किसी संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है। कोरोना के संदर्भ में भी यदि शरीर में इसकी एंटीबॉडी मिलती है तो इसका मतलब कि उस व्यक्ति को अब कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद कम है। इसके लिए ब्लड का सैंपल जांच के लिए लैब में भेजा जाता है। हालांकि यहां अभी तय नहीं है कि सैंपल की जांच बनारस में होगी या इसे लखनऊ भेजा जाएगा

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