अंधरापुल के रंगिया महाल इलाके से चौकाघाट जाने वाला नाला जगह-जगह से खुला है। ऐसे में कुछ लोग कूड़ा कचरा इसी में डाल देते हैं। नाला आठ सालों से खुला हुआ है। खुले नाले की वजह से इलाके में दुर्गंध से लोग परेशान हैं। साथ ही उन्हें गंभीर बीमारियां फैलने व दुर्घटना का भय सता रहा है। स्थानीय लोगों ने 28 मई को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शहर के बीचोबीच घनी बस्ती वाले इलाकों में नालों की दुर्दशा बारिश के समय विकराल रूप ले लेती है। चौकाघाट क्षेत्र में शाही नाले से जुड़ा अंधरापुल रंगिया महाल का नाला पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। पिछले साल चार साल का बच्चा खुले नाले में गिर गया था। तीन दिन बाद चौकाघाट नाले में उसका उतराया शव मिला। इलाके में नाला 400 मीटर के दायरे में फैला हुआ है। जो पांच स्थानों पर खुला है। इसकी गहराई 11 फुट और चौड़ाई 5.50 फुट है।

नाला खुला होने से हमेशा दुर्गंध आती है। कुछ लोग नाले में कचरा भी डाल रहे हैं। जिससे नाले के जाम होने की समस्या बढ़ जाती है।
- दीपक कुमार, स्थानीय नागरिक
नाला आठ साल से खुला है। बीते साल नाले में गिरने से चार साल के बच्चे की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
- अनिल कुमार, स्थानीय नागरिक
खुले नाले से दुर्घटना का डर लगा रहता है। बारिश में घर तक गंदा पानी लग जाता है। कोई भी गंभीर बीमारी का शिकार हो सकता है।
- गुरुमीत सिंह, स्थानीय नागरिक
बच्चों को बाहर निकालने में डर लगता है। इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं जाता। इसे बंद करना तो छोड़ो किसी ने ढकने तक की नहीं सोची है।
- राहुल प्रजापति, स्थानीय नागरिक
वर्जन
खुले नाले को ढकने की योजना है। इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिया गया है। अभी सफाई का काम चल रहा है। पूरा होने के बाद ढकने का काम किया जाएगा।
- एनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
नाला बंद कराना बहुत जरूरी है। कोई भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। कई बार नगर निगम को सूचना दी। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- प्रशांत सिंह पिंकू, पार्षद

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