विश्व साइकिल दिवस पर विशेष - 

आगरा,संजय साग़र। विश्व साइकिल दिवस यानी 3 जून को पर्यावरण संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता हैं। भारत देश में साइकिल चलाने का प्रचलन अन्य देशों की तुलना में कम हैं। फिल्मी दुनिया में साइकिल चलाने का और साइकिल पर बैठकर हीरो द्वारा गाना गाने का बहुत क्रेज था। देवआनंद, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जितेंद्र, अक्षय कुमार, सलमान खान, रति अग्निहोत्री, मुमताज,माधुरी दीक्षित,दिव्या भारती आदि ने साइकिल चलाकर कई फिल्मों में गाने गाकर साइकिल को आकर्षण का केंद्र बनाया और दर्शकों ने भी खूब पसंद किया।

इसी महत्वपूर्ण विचार को आगे बढ़ाते हुए संवाददाता वार्ता में आगरा स्मार्ट सिटी,भारत सरकार के सलाहकार सदस्य राजेश खुराना ने अपने वक्तव्य में बताय कि आज साइकिल दिवस पर हम भी फिट रहने के लिए साइकिल चलाएं। देश को प्रदूषण से मुक्त कर पेट्रोल बचाएं। देखा जाता रहा हैं कि आज के समय में कई लोग बड़ी-बड़ी लग्जरी कारों में साइकिल रखकर घर से निकलते हैं, और खुले अच्छे स्वच्छ वातावरण में साइकिल चलाते हैं। आज साइकिल का पहले जैसा व्यवसायिक स्वरूप बंद हो गया है। आज कोई चायवाला, खानेवाला, दूधवाला, सब्जीवाला व अन्य लोग साइकिल नहीं चलते क्योंकि समय बचाने के चक्कर में यह कार्य मोटरसाइकिल से शुरू हो गए हैं। भारत में साइकिल चलाने का प्रचलन अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। फिर भी साइकिल की बिक्री हिंदुस्तान में छोटी साइकिल फैंसी साइकिलो ने ले ली है। कुल उत्पाद का करीब  72 प्रतिशत फैंसी और छोटी साइकिलों का हैं। हमारे देश में सिर्फ 12 % लोग साइकिल चलाते हैं, जबकि बेल्जियम में करीब 49%,स्वीटजरलैंड 50% ,जापान में 56%,
फिनलैंड में 62%प्रदूषण से करीब 80% मुक्त है। इनके वातावरण में कोई जहरीली गैस नहीं है। भारत में आजादी के बाद करीब 30 रुपये में अच्छी साइकिल बिका करती थी। जिनमें रॉबिन हुड ,रॉयल सुप्रीम, हिंद, हरकुलिस, रेले, साइकिल है। बाजार में आए इसके बाद बड़ी संख्या में हीरो और एटलस ने साइकलों का निर्माण आज करीब हीरो साइकिल द्वारा विश्व की कुल उत्पाद साइक्लो में 49 परसेंट की हिस्सेदारी  हिंदुस्तान की जोकि करीब 25000 साइकिले प्रतिदिन बनाकर एक रिकॉर्ड दर्ज किया है। आजकल बाइक लाइब्रेरी, बाइक कैफे सरीखे कई स्थान साइकिल के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। कई पर्यटक स्थलों पर साइकिल किराए पर चलाने का आज भी प्रचलन है। विदेशी सैलानी बड़े उत्साह एवं उमंग से अच्छी फैंसी साइकिल चलाते हैं। आज का समय साइकिल का समय है आज घर में 2 साल के बच्चे से लेकर 18 साल तक के बच्चे अधिकांश साइकिल चलाते हैं। आज से 30 वर्ष पूर्व बड़ी साइकिल की चैन गियर पर अंदर से पैर डालकर बच्चे साइकिल चलाना सीखते थे। उसे कैंची चलाना बोला जाता था, परन्तुं आज ऐसा नहीं है। साइकिल कंपनी ने ग्राहक की चाहत जरूरत देखकर छोटी छोटी साइकिलओं का एक हब तैयार किया है। और साइड सपोर्टर वाली छोटी साइकिल 3 साल का बच्चा आसानी से चला लेता है। लॉक डाउन में बच्चे अपनी कॉलोनी,पार्क और अंदर छोटी-छोटी सड़कों एवं घरों में साइकिल चलाते हैं। ग्रामीण भारत में आज भी क्या छोटे क्या बड़े बुजुर्ग साइकिल का उपयोग करके पूरी तरह फिट रहकर उत्साह, उमंग और स्पूर्ति के साथ स्वस्थ्य जीवन जीते हैं। और आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई और फिनेस में अग्रणी रहते हैं। 

विश्व साइकिल दिवस पर सभी से हमारी अपील हैं कि फिट रहने के लिए साइकिल चलाएं और देश को प्रदूषण मुक्त बनाएं।।

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