एक माह बाद वाराणसी में बाजार तो खुल गए लेकिन, व्यापारियों की समस्याएं अब भी लॉक हैं। जीएसटी, आयकर, बिजली बिल में राहत नहीं मिलने और ट्रांसपोर्ट के बढ़ते भाड़े, दुकानों का किराया, कर्मचारियों की तनख्वाह और छोटे-छोटे व्यापारियों के यहां पूंजी फंसने और नए माल मंगाने में आ रही आर्थिक दिक्कतों से व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों के अनुसार इलेक्ट्रानिक्स, फर्नीचर, फुटवियर, कपड़े आदि दुकानों की बोहनी तक नहीं हो रही है। बाजार में ग्राहकों के पास भी पैसा नहीं है।
वह इस समय सिर्फ जरूरत के अनाज, सब्जी, दूध और दवा जैसी वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। पहली और दूसरी लहर में तबाह हो चुके कई व्यापारियों की नजरें अब सरकार से मिलने वाली राहत पैकेज पर टिकी हुई हैं। शहर के विभिन्न व्यापारिक संगठनों की मांग है कि सरकार राहत पैकेज दें। अन्यथा रोजगार बदलने तक की नौबत आ गई है।
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में व्यापारी टूट चुके हैं। भविष्य में भी व्यापार सुधरने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। ऐसे में सरकार की ओर से व्यापारियों को कुछ रियायतें मिलनी चाहिए। बाजार में दम नहीं है, व्यापारी बैठकर सिर्फ ग्राहकों का इंतजार कर रहा है।उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि जीएसटी और बैंक ब्याज, बिजली बिल, आयकर में कोई राहत नहीं मिली। सरकार छह माह जीएसटी पर छूट दें, बैंक ब्याज माफ करें, रियायती दर पर लोन दें। ऑनलाइन कंपनियों ने तो लॉकडाउन भर दुकानदारी की। इन पर अब रोक लगाई जाए।
वह इस समय सिर्फ जरूरत के अनाज, सब्जी, दूध और दवा जैसी वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। पहली और दूसरी लहर में तबाह हो चुके कई व्यापारियों की नजरें अब सरकार से मिलने वाली राहत पैकेज पर टिकी हुई हैं। शहर के विभिन्न व्यापारिक संगठनों की मांग है कि सरकार राहत पैकेज दें। अन्यथा रोजगार बदलने तक की नौबत आ गई है।
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में व्यापारी टूट चुके हैं। भविष्य में भी व्यापार सुधरने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। ऐसे में सरकार की ओर से व्यापारियों को कुछ रियायतें मिलनी चाहिए। बाजार में दम नहीं है, व्यापारी बैठकर सिर्फ ग्राहकों का इंतजार कर रहा है।उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि जीएसटी और बैंक ब्याज, बिजली बिल, आयकर में कोई राहत नहीं मिली। सरकार छह माह जीएसटी पर छूट दें, बैंक ब्याज माफ करें, रियायती दर पर लोन दें। ऑनलाइन कंपनियों ने तो लॉकडाउन भर दुकानदारी की। इन पर अब रोक लगाई जाए।
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