आयुर्वेद संकाय के काय चिकित्सा विभाग में चल रहे आयुर्वेदिक औषधि सिम मेग-19 का ट्रायल अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद पता चल सकेगा कि पहले से पीलिया के मरीजों को दी जाने वाली एंटीवायरल दवा कोरोना मरीजों के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कितनी कारगर है। परिणाम पर सभी की नजर टिकी है।
बीएचयू काय चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के अनुसार बाजार में यह दवा पहले से है। इसका प्रयोग अब तक लिवर जॉन्डिस सहित अन्य विकृतियों में हो रहा है। अब इसका कोरोना मरीजों पर कितना असर है यह जानने के लिए ही सीएसआईआर के देखरेख में तीन जगह पुणे, लखनऊ और बीएचयू में ट्रायल चल रहा है। उन्होंने बताया कि काल मेघ आयुर्वेदिक प्लांट है। इससे बनी इस दवा में यह देखा जा रहा है कि भूख बढ़ाने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, रक्त संबंधी बीमारियों में यह कितना असरदार है। अस्पताल और होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को यह दवा दी गई है जो कि पहले से एलोपैथी दवा ले रहे हैं। अब उसके साथ साथ आयुर्वेद की भी यह दवा ले रहे हैं। प्रो. प्रसाद ने कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि अगले महीने तक इसके परिणाम आ जाएंगे90 से ऊपर ऑक्सीजन लेवल वालों पर ट्रायल
प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद की देखरेख में दवा का ट्रायल चल रहा है। खास बात यह है कि उन्हीं मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से ऊपर है। इस वजह से थोड़ी देर भी हुई। क्योंकि दूसरी लहर की शुरुआत में ऐसे बहुत कम ही मरीज देखने को मिले जिनका ऑक्सीजन स्तर 90 से कम हो। ऐसे 100 मरीजों पर ट्रायल में सबसे ज्यादा 75 होम आइसोलेशन वाले हैं जबकि 25 मरीज अस्पतालों में भर्ती थे।
एक मरीज को 21 दिन तक देनी है दवा
प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक मरीज को 21 दिन तक दवा देनी है। 18 मई से ही ट्रायल शुरू हुआ है। इस हिसाब से जुलाई में परिणाम आने के बाद इसे सीएसआईआर में भेजा जाएगा। साथ ही प्रकाशन के लिए भेजा जाएगा।

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