अम्बेडकर नगर सदर तहसील में फिर एक लेखपाल हेमंत कुमार पांडेय का वायरल हुआ विडियो
◼️लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों को देने के बाद भी महिनों गीत जाने के बाद नहीं हुई कार्रवाई
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरो)
अम्बेडकरनगर 27 जून। जनपद सदस्य तहसील अकबरपुर मे फिर एक लेखपाल हेमन्त कुमार पाण्डेय का घूस लेते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। आरोप है लिए लेखपाल ने पैसे की मांग राम प्यारे लाल से की जो गणेशपुरी कालोनी मे रहते हैं जो फैजाबाद रोड पर लाल ब्रदर्स पेट्रोल पम्प के निकट है। राम प्यारे लाल ने बताया कि मोसिमपुर मंसूरपुर थाना अकबरपुर मे रजिस्ट्रीशुदा बैनाम कनकलता पत्नी राम सागर निवासी बरियावन से लिया था ।राम प्यारे लाल के गाटा संख्या से कुछ मीटर की दूरी पर गाटा संख्या 501 है जो की बंजर जमीन है।राम प्यारे लाल की बैनामाशुदा जमीन कई गाटा संख्या में विभाजित थी जिसे तत्काल हल्का लेखपाल हेमन्त कुमार पाण्डेय द्वारा बैनामाशुदा जमीन को बंजर जमीन पर कन्वर्ट करने के नाम पर 5 लाख 75 हजार रुपये लिया गया।
राम प्यारे लाल सीधा साधा आदमी उसे राजस्व के नियमो के बारे मे कोई जानकारी नहीं थी लेखपाल ने झांसा देकर राम प्यारे लाल से 5 लाख 75 हजार रुपये सरकारी खर्च के नाम पर ले लिया। और स्थिति जैसी थी वैसी ही बनी है लेखपाल द्वारा आपने पद का दुरुपयोग करते हुए नाजायज़ तरीके से रूपये हड़प लिया। जब पीड़ित ने लेखपाल से आपने पैसा मांग तो लेखपाल गालियां देते हुए जान से मरवाने की धमकी दी।
जब लेखपाल हेमन्त कुमार पाण्डेय ने पैसे की मांग कि तो पीड़ित ने पैसा दिया और इसका वीडियो बना लिया। पीड़ित द्वारा जिलाधिकारी एस डी एम तथा अकबरपुर कोतवाली में शिकायत की गयी पर अभी तक कई महीने बीत जाने के बाद भी लेखपाल पर कोई कार्रवाई प्रशासन की तरफ से नही की गई है। आखिर क्या बजह है जब लेखपाल के खिलाफ सारे सबूत है फिर भी प्रशासन लेखपाल के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नही कर रहा है। क्या इस घूसखोरी में उच्च अधिकारियों का भी हाथ है या इन्हीं के सह पर लेखपालों द्वारा भ्रष्टाचार फैलाने का कार्य चल रहा है स्पष्ट वीडियो होने के बाद कई महीने बीतने के बाद कार्रवाई ना होना अपने आप में एक सवाल जरूर खड़ा करता है जो उच्च अधिकारियों को संदेह के घेरे में लेता है। इस प्रकार के मैटर यदि अकबरपुर में आए दिन आ रहे हैं तो उच्च अधिकारियों को संज्ञान में लेते हुए सभी लेखपालों के खिलाफ जांच की कार्रवाई जरूर करनी चाहिए और शासन को इस मामले को संज्ञान में तत्काल लेकर इसका निराकरण जरुर निकालना चाहिए।
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