पढ़ाई के सिलसिले में विदेश जाने वालों की संख्या एकदम से कम हो गई है।
जिले में पासपार्ट बनवाने वालों की संख्या में 90 प्रतिशत तक कमी आई है। नौकरीपेशा लोग ही पोसपोर्ट बनवा रहे हैं। पढ़ाई और नौकरी करने के साथ लोग छुट्टियां मनाने भी विदेश जाते हैं, पर पिछले एक वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते विदेश जाने वालों की संख्या में कमी आई है। अब धीरे-धीरे प्रतिबंध हट रहा है तो यात्रा पर कई शर्तें लगा दी गई हैं। विदेश जाने के लिए सबसे बड़ी शर्त यही है कि विदेश जाने वाले को वैक्सीन की दोनों खुराक लगी हो। इन सब शर्तों और विदेशों में भी कोरोना का संक्रमण होने के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है। पासपोर्ट आवेदन के बाद उसका सत्यापन पुुलिस करती है। कोविड से पहले पुलिस के पास प्रति महीने 300 के आस-पास आवेदन सत्यापन के लिए आते थे, कोविड के बाद यह संख्या 25 से 30 तक प्रति महीने रह गई है। जिले में चुनार में पासपोर्ट कार्यालय खुला है, पर आवेदन के बाद लोगों को वाराणसी कार्यालय ही जाना पड़ता है।
जिले में पासपार्ट बनवाने वालों की संख्या में 90 प्रतिशत तक कमी आई है। नौकरीपेशा लोग ही पोसपोर्ट बनवा रहे हैं। पढ़ाई और नौकरी करने के साथ लोग छुट्टियां मनाने भी विदेश जाते हैं, पर पिछले एक वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते विदेश जाने वालों की संख्या में कमी आई है। अब धीरे-धीरे प्रतिबंध हट रहा है तो यात्रा पर कई शर्तें लगा दी गई हैं। विदेश जाने के लिए सबसे बड़ी शर्त यही है कि विदेश जाने वाले को वैक्सीन की दोनों खुराक लगी हो। इन सब शर्तों और विदेशों में भी कोरोना का संक्रमण होने के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है। पासपोर्ट आवेदन के बाद उसका सत्यापन पुुलिस करती है। कोविड से पहले पुलिस के पास प्रति महीने 300 के आस-पास आवेदन सत्यापन के लिए आते थे, कोविड के बाद यह संख्या 25 से 30 तक प्रति महीने रह गई है। जिले में चुनार में पासपोर्ट कार्यालय खुला है, पर आवेदन के बाद लोगों को वाराणसी कार्यालय ही जाना पड़ता है।
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