सेंट्रल जीएसटी विभाग ने गुरुवार को सरिया फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की। रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के पते पर जो कंपनी पंजीकृत थी, वह मौके पर नहीं मिली। इस बोगस कंपनी ने विभाग से फर्जी तरीके से 70 लाख रुपये का आईटीसी (इनपुट क्रेडिट सिस्टम) भी ले लिया है। वहीं सूजाबाद स्थित सरिया कारोबारी के प्रतिष्ठान पर भी छापा मारा गया है। यह कारोबारी चंदौली व आजमगढ़ के पूर्व सांसदों के रिश्तेदार हैं।पांच घंटे तक चली कार्रवाई में सूजाबाद के कारोबारी के प्रतिष्ठान पर 30 लाख रुपये की कर चोरी पकड़ी गई। उनपर 18 फीसदी जीएसटी व जुर्माना लगाया गया है। कारोबारी ने दस लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। यह कारोबारी पिछले कुछ महीनों से जो सामान मंगाता था, उसे स्टॉक में न दिखाकर सीधे बिक्री कर देता था।

बोगस कंपनी के मामले में विभाग के अधिकारी इसके अन्य कंपनियों से लेन-देन का ब्यौरा खंगालेंगे और उनको नोटिस भेजकर वसूली करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से कारोबारी जीएसटी रिटर्न में अपने व्यापार को कम दिखा रहे थे। जबकि मौके पर कच्चे बिल भी काफी संख्या में मिले हैं। जिस पार्टी को सरिया, गाटर की बिक्री होती थी, उनकी मात्रा भी कम करके दिखाई जाती रही है। जीएसटी कमिश्नर लल्लन कुमार ने बताया कि सरिया कारोबारी के प्रतिष्ठान पर छापेमारी हुई है। फर्जी तरीके से आईटीसी लेने के मामले में कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई में संयुक्त आयुक्त राजेंद्र कुमार, सहायक आयुक्त आदिल अशरफ समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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