NCR News: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने 54 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और मुख्य रोकड़िया (हेड कैशियर) महेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है। मामले के तीसरे आरोपी लेखाधिकारी रामरतन सुमन पर आरोप तय नहीं हो पाए हैं। जांच समिति ने संजय शर्मा और महेश कुमार के खिलाफ 8-8 पेज की रिपोर्ट बनाई थी। जिसके बाद उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया। बताया जाता है कि यह रकम एक बड़ी कंपनी की ओर से रिश्वत के तौर पर दी गई थी। घोटाला सामने आने के बाद से संजय शर्मा मेरठ एमडी आफिस से अटैच था, जबकि महेश कुमार दादरी अधिशासी अभियंता कार्यालय में तैनात था।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि 12 जून 2019 से 5 मार्च 2020 तक अधिशासी अभियंता संजय शर्मा की तैनाती नोएडा जोन में थी। इसी बीच 5 अक्तूबर 2019 को निगम के राजस्व खाते में 54 लाख रुपये बिना किसी रसीद के जमा कराए गए थे। जबकि निगम की ओर से स्पष्ट संहिता है कि एक बार में अधिकतम 40 लाख रुपये ही जमा कराए जा सकते हैं। मामला सामने आने पर दोनों अधिकारी-कर्मचारी ने अफसरों को जवाब दिया कि उपभोक्ता से एडवांस में बिल लेकर पैसे जमा कराए गए थे।

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