*एसएएफ 34 वीं बटालियन धार में सायबर विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को सायबर अवेयरनेस संबंधी कार्यशाला आयोजित।*
धार-धार स्थित 34वीं एसएएफ बटालियन में दिनांक 29-06-2021 को *कमांडेंट श्री तुषार कान्त विद्यार्थी* की उपस्थिति में *सैनिक सम्मेलन* के अंतर्गत *सायबर विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल*, इंदौर द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को सायबर अवेयरनेस संबंधी विशेष सत्र लिया गया। जिसमे 34वीं एसएएफ बटालियन से लगभग *सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क का पालन करते हुए बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया।*
इस अवसरपर श्री विद्यार्थी, कमांडेंट 34वीं एसएएफ बटालियन द्वारा सैनिक सम्मेलन में जुडे बटालियन के समस्त प्रतिभागियों को इस विषय से परिचय करते हुए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।
प्रो. रावल ने वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जिसमें ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से डेबिट क्रेडिट कार्ड एहतियात, फ़िशिंग / विशिंग, स्पूफिंग शामिल थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में ईमेल या फेसबुक आईडी, पासवर्ड, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड का उपयोग करके सभी को पहचान की चोरी से अवगत कराया। उन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराओं और 2008 में इसके संशोधन के बारे में भी जानकारी दी।
सत्र में सायबर एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थी,स्टॉफ अधिकारी/कर्मचारियों को सायबर अवेयरनेस संबंधी विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया, उन्होने बताया कि सायबर क्राईम एक अलग तरह का क्राईम है, जो व्हाटसअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टवीटर एवं अन्य किसी भी प्रकार की सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग तरहों से क्राईम हो सकता है।
श्री गौरव रावल ने व्याख्यान में बताया कि किसी भी प्रकार के सोशल प्लेट फॉर्म पर अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फोन नंबर, स्थानीय पता, स्थान और जन्म की तारीख न दें। क्योंकि इन सभी व्यक्तिगत विवरणों के साथ साइबर अपराधी आपके गलत उद्देश्यों के लिए आपके व्यक्तिगत विवरणों का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने विशेष तौर पर प्रशिक्षणार्थियों को सोशल मीडिया पर रखने वाली सावधानीयो के बारे मे बताते हुए बताया कि कभी भी अपना पोस्ट या फोटो के साथ अपने जिओ टैगिंग या लोकेशन शेयर न करें, जिससे अपराधी आपके घर, या ऑफिस के सामने आकर खड़ा हो सके और आपकी जानकारी ज्ञात कर किसी प्रकार का अपराध घटित कर सके।
श्री रावल ने बताया कि डिजिटल या किसी भी प्रकार की सोशल मीडिया के माध्यम से हमें किसी भी सामग्री को लिखने और अपलोड करने से पहले हमेशा सतर्क रहना चाहिए और इस आभासी दुनिया में कुछ भी पोस्ट करने से पहले दस बार सोचना चाहिए, किन-किन कारणों से आपके ऊपर आईटी एक्ट लागू हो सकती है।
प्रो. गौरव रावल बताया कि किन-किन नये तरीकों से सायबर अपराध घटित हो रहे है, हम उन अपराधों से कैसे बचे, हमे क्या करना चाहिये किन-किन बातो का आप ध्यान रखना चाहिये । इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारियों से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत करवाया गया तथा प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संबंधित विषयों से विषय संबंधी कई प्रश्न पूछे गये जिनका उत्तर साईबर एक्सपर्टस प्रो. गौरव रावल द्वारा दिया गया।
सत्र में रचना भदोरिया डिप्टी कमांडेंट अंकिता सुल्या असिस्टेंट कमांडेंट, राधेश्याम सोलंकी असिस्टेंट कमांडेंट और सौरभ तोमर असिस्टेंट कमांडेंट सहित 34वीं एसएएफ बटालियन के समस्त अधिकारी/कर्मचारी एवं प्रशिक्षणार्थीगण उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के अंत में कमांडेंट तुषारकांत विद्यार्थी द्वारा सभी प्रतिभागियों को इस सत्र में साइबर विशेषज्ञ गौरव रावल द्वारा बताए गए साइबर संबंधी जागरूकता व कानून का पालन करने और अपने परिवार जनों को भी इस विषय में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया।
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