अनलॉक के बाद लापरवाही और मनमानी भारी पड़ती दिख रही है। इसका संकेत शुक्रवार की मेडिकल रिपोर्ट से मिला जिसमें 22 नए पॉजिटिव मिले जबकि आठ मरीज ही स्वस्थ घोषित हुए हैं। 24 घंटे के अंदर संक्रमण में तीन गुना से अधिक बढ़ोतरी साबित रही है कि कोविड प्रोटोकॉल को नजरंदाज कर लोग वायरस को न्योता देने लगे हैं। वायरस के ये न्योतेबाज शहर से लेकर गांव तक मिले हैं। इससे पहले 10 जून को 25 संक्रमित चिह्नित हुए थे। एक्टिव केस भी बढ़कर 155 हो गए हैं।शुक्रवार की रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित हो गया है। पिछले एक हफ्ते में संक्रमण एक से 19 के बीच में रहा। विभाग के अनुसार शुक्रवार की रिपोर्ट से लोगों की लापरवाही उजागर हुई है। यूं ही लापरवाही जारी रही तो कोरोना की तीसरी लहर का कहर रोक पाना मुश्किल होगा। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों, सार्वजनिक स्थलों पर पिछले एक हफ्ते से खतरनाक लापरवाहियां दिख रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में भी मास्क के प्रति सजगता गायब है।
वहीं, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन को लेकर पुलिस भी गंभीरता नहीं दिखा रही है। जबकि इसे लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इधर बीच कई बार हिदायत दी है। लोगों को उनकी जिम्मेदारी पर छोड़ दिया गया है।शुक्रवार को चिह्नित पॉजिटिव मरीजों में महमूरगंज की शिवाजी नगर कॉलोनी का 8 वर्षीय बालक और हाथीखाना-रामनगर की 9 वर्षीय बालिका भी हैं। रामनगर के भीटी, कोदोपुर, टेंगरा मोड़, पथरी टोला में भी मरीज मिले हैं। इनके अलावा मेंटल हॉस्पिटल-पांडेयपुर, नरिया, कंचनपुर, फुलवरिया, सुंदरपुर, कबीर नगर-दुर्गाकुंड में भी वायरस ने नए शिकार बनाए हैं। चिंतनीय तथ्य यह भी है कि इन 22 मरीजों में 12 महिलाएं हैं। दूसरा, सिर्फ दो मरीजों की उम्र 50 या उससे अधिक है। बाकी सभी की उम्र आठ से 45 वर्ष के बीच की है।
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