ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बीएचयू अस्पताल में अब तक ब्लैक फंगस के 195 मरीज आ चुके हैं। इनमें 52 की मौत, 13 के डिस्चार्ज के बाद 130 का इलाज चल रहा है। इनमें 118 मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है।
इधर, वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज अब सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) में होगा। पहले दिन शनिवार से 20 से अधिक मरीजों को शिफ्ट किया गया। यहां डॉक्टरों की टीम सभी की निगरानी कर रही है। बीएचयू अस्पताल में आने वाले ब्लैक फंगस के 195 मरीजों में 95 ऐसे मरीज मिले, जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था। इसके साथ ही इन मरीजों में शुगर की समस्या भी पहले से अधिक रही। चिकित्सकों के अनुसार अगर कोरोना का टीका मरीजों ने लगवाया होता तो शायद ब्लैक फंगस के साथ ही कोरोना के संक्रमण से भी बचा जा सकता था।
बीएचयू अस्पताल के डिप्टी एमएस प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि अस्पताल आने के बाद जब मरीजों की जांच की गई और उनसे पहले के बीमारी के बारे में पूछताछ की गई तो उनमें शुगर होने के साथ ही टीकाकरण न कराने की जानकारी मिली।
बताया कि अब तक जितने में भी मरीज अस्पताल में आए हैं, लगभग सभी में शुगर की समस्या है। चिंता की बात यह है कि इसमें कई में तो पहले से शुगर नहीं था लेकिन कोरोना संक्रमण अधिक होने के दौरान अस्पताल में स्टेरॉयड का प्रयोग भी शुगर की वजह मानी जा सकती है।
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