बीएचयू सहित देश के करीब डेढ़ दर्जन केंद्रीय विश्वविद्यालय कई महीनों से कार्यवाहक कुलपतियों के भरोसे चल रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जून महीने के अंत तक कुछ विश्वविद्यालयों को स्थाई कुलपति मिल सकते हैं। इनमें बीएचयू भी शामिल है।मौजूदा समय में कार्यवाहक कुलपति के भरोसे चल रहे देश के प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बीएचयू, केंद्रीय विवि झारखंड, छत्तीसगढ़ केंद्रीय विवि, केंद्रीय विवि सागर, जम्मू केंद्रीय विवि, हिमाचल केंद्रीय विवि, हरियाणा केंद्रीय विवि, साउथ बिहार केंद्रीय विवि, बिहार केंद्रीय विवि, दिल्ली विवि, जेएनयू, राजस्थान केंद्रीय विवि, मेघालय केंद्रीय विवि, हैदराबाद केंद्रीय विवि, उर्दू केंद्रीय विवि हैदराबाद, मणिपुर केंद्रीय विवि, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार बीएचयू के वीसी पद के लिए कुछ वरिष्ठ प्रोफेसरों के नाम पर अंदरखाने चर्चा चल रही है। इनमें नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि अयोध्या के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, मौजूदा समय में गुजरात विवि में कार्यरत प्रो. आरएस दुबे, बीएचयू में चीफ प्रॉक्टर रहे चुके प्रो. एसएस राठौर, काशी विद्यापीठ के पूर्व वीसी प्रो. टीपी सिंह एवं वर्धा विवि के प्रो. आनंद वर्द्धन शर्मा के नाम पर चर्चा चल रही है। उल्लेखनीय है कि बीएचयू के निवर्तमान कुलपति प्रो. राकेश भटनागर का कार्यकाल समाप्त होने के एक महीने पहले ही नए कुलपति के चयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी के अध्यक्ष गुजरात केंद्रीय विवि के कुलपति डॉ. हंसमुख अढ़िया थे। हैदराबाद के अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विवि के वीसी प्रो. ई. सुरेश कुमार तथा आईआईएम नागपुर के प्रो. भममा आर्य मैत्री कमेटी के सदस्य थे। कमेटी को 11 एवं 12 फरवरी को 13 आवेदकों का साक्षात्कार बीएचयू कैंपस में ही करना था, लेकिन साक्षात्कार से दो दिन पहले ही कमेटी भंग कर दी गई। 29 मार्च को प्रो. राकेश भटनागर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से अब तक बीएचयू को स्थाई कुलपति का इंतजार है।


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