माँ तुम हो मेरा  संसार!
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तुम  ही चंदा, तुम  ही खुसबू
तुम फूलों की डाली ,
तुमसे मेरी  सारी खुशियां
होली और दिवाली ,
सज गया मेरा   संसार 
माँ तुम  हो  मेरा  सँसार!

पंख लगा मैं संग  उडूंगी
कलियां जब  महकेंगी ,
माँ तुम इस घर का  दीपक 
रोशन   जहां  को  करती हो  ,
जब बरसेगा रिमझिम सावन 
तब  छलकेगा  प्यार !
माँ  तुम  हो  मेरा  संसार !

जब  रुखसत  हूंगी मैं  तुझसे
असह वेदना होगी , 
लेकिन तेरी  चौखट पे  माँ
सजदा सदा करूंगी ,
चारो      धाम    यही   है   मेरा 
बद्री      भी    केदार भी!
माँ  तुम  हो  मेरा   संसार !

तुम  से जीवन   का  किस्सा ,
तुम  ही  दुर्गा , तुम  ही  काली
निखिल सृष्टि का  हिस्सा ,
तुमसे    ही   होता   आया  है 
सदा   सृष्टि  विस्तार !
माँ  तुम  हो  मेरा   संसार !

प्रियंका द्विवेदी 
मंझनपुर कौशाम्बी।

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