वाराणसी में कोरोना की बेकाबू रफ्तार ग्रामीण इलाकों को अपनी जद में लेती जा रही है। हालात ये है कि लगातार हो रही मौतों से ग्रामीण दहशत में हैं। पंचायत चुनाव के बाद से हालात और भी बिगड़ गए हैं। ग्रामीण इलाकों में हाल ही में 100 से अधिक लोगों को महामारी ने काल बनकर लील लिया है। ज्यादातर ग्रामीण सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। इसके अलावा आश्चर्यजनक है कि कोरोना जैसे लक्षण होने के बावजूद ज्यादातर लोग जांच कराने से बच रहे हैं। वहीं देसी नुस्खों का प्रयोग करते हुए पूजा पाठ पर जोर दे रहे हैं। कुछ ही लोग हैं जो मेडिकल स्टोरों से दवाई खरीदकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं।ग्रामीणों के घर मरीजों की मौजूदगी की वजह से क्वारंटीन सेंटरों में तब्दील होते जा रहे हैं। गलियों में सन्नाटा पसरा रहता है और चौपालें दिन भर सूनी पड़ी हैं। चिरईगांव के मंगरू प्रसाद का संयुक्त परिवार है। माता-पिता भाई-बहन बच्चे सहित कुल 22 लोग हैं। इनमें से चार पॉजिटिव है। जबकि छह लोगों को सर्दी, जुखाम बुखार के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में इनके घर के अधिकांश कमरे क्वारंटीन सेंटर में तब्दील हैं

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