उतरौला (बलरामपुर)मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजानुल मुबारक के मुकद्दश महीने का कीमती रात (लैलुतुल कद्र) इबादत में गुजारी।
इस बेपनाह बख्सिश की रात में नौजवान, बूढ़े, बच्चों ने पूरी रात जागकर कुरान की तिलावत और नमाज अदा कर अल्ल्लाह से अपने अपने बख्सिश की दुआएं मांगी। इस बाबरकत रात पर रोशनी डालते हुए मौलाना बरकत अली मुशाहदी ने बताया कि रमजान शरीफ के आखिरी अशरे के ताक रातों जैसे 21,23,25,27,29की रातों में एक रात ऐसी रात है जिसमें मोमिन इबादत कर अल्ल्लाह से अपने गुनाहों से तौबा करता है और माफी मांगता है।
यह ऐसी अजीम रात है जो कई हजार रातों से अफजल माना गया है। इसी क्रम में रमजान के 26वीं दिन 27वीं रात में मुस्लिम समुदाय के नौजवान,बूढ़े, बच्चे, व महिलाओं ने घरों में नमाज,तस्बीह, कुरआन की तिलावत कर अल्ल्लाह से अपने गुनाहों से तौबा कर मगफिरत की दुआएं मांगी।
असगर अली
उतरौला
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