गंगा के जल के हरे होने की खबरों के बाद गंगा सेवा अभियानम् के एक दल ने शुक्रवार को अस्सी से राजघाट के बीच गंगा जल का अवलोकन किया। दल ने पाया कि कई स्थानों पर गंगाजल खतरनाक स्तर पर हरा हो गया है। इस जल में स्नान मात्र से संक्रामक रोगों की आशंका है। निरीक्षण करने के बाद अभियानम् के भारत प्रमुख राकेश पांडेय ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गंगा जल में आए इस परिवर्तन के कारणों की वैज्ञानिकों द्वारा जांच कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि गंगा के जल में हुआ यह परिवर्तन उसमें पलने वाले जलीय जीवों के लिए भी घातक हो सकता है। मछुआरों द्वारा गंगा से पकड़ी जाने वाली मछलियों का सेवन करने वाले लोग भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।

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