बहुत याद आएंगे जज साहब - डॉ. सत्यभूषण सिंह

बहराइच। सेवानिवृत्त न्यायाधीश कृष्ण पाल सिंह के निधन से प्रबुद्ध समाज शोक में डूब गया है। सत्तासी वर्ष की उम्र में भी उनकी सक्रियता सभी के लिए प्रेरणादायक थी। वे जीवन पर्यंत समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे। उनके निधन से बहराइच जिले के सार्वजनिक जीवन को जो क्षति हुई है उसकी भरपाई हो पाना बहुत मुश्किल है। किसान पी.जी. कॉलेज, बहराइच के मध्यकालीन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्यभूषण सिंह ने कृष्ण पाल सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय में आयोजित होने वाली विभिन्न परिचर्चाओं  में उनका ज्ञानपूर्ण, स्पष्ट और ऊर्जावान उद्बोधन सभी को हमेशा याद आयेगा।  अपनी ईमानदार और स्पष्टतावादी छवि के कारण वे सभी के बीच अपना स्थान बना लेते थे। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे समाज और देश निर्माण के लिए सदैव चिंतित रहे। सामाजिक कार्यों और लेखन में उनकी सक्रियता प्रेरणादायक थी। ग्यारह वर्ष तक प्रबंध समिति के सचिव के रूप में उनका कार्यकाल ऐतिहासिक है। अपने सेवाकाल में एक ईमानदार न्यायाधीश के रूप में विख्यात रहे। वे अपने न्यायपूर्ण फैसलों के लिए सदैव याद किए जाएंगे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। अभी कुछ वर्ष पूर्व राजपूतों पर उनकी एक पुस्तक " अतीत बैसों का " प्रकाशित हो चुकी है। उनकी अध्ययनशीलता और ज्ञान के प्रति जिज्ञासा विलक्षण थी। जिस उम्र में लोग निष्क्रिय होकर घर बैठ जाते हैं उस उम्र में कृष्णपाल सिंह अपनी इच्छाशक्ति के बल पर एक नौजवान की तरह सक्रिय रहे। उनकी ईमानदारी पूरे जिले में और जहां वे न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुके थे विख्यात है। राष्ट्रवाद के पोषक और मानवीय गुणों से परिपूर्ण इस व्यक्तित्व के सामने पूरा जनपद नतमस्तक है।


तहसील सदर से चंद्रशेखर अवस्थी की रिपोर्ट।

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