*__दुःखद😪 नहीं रहे शिक्षा की अलख जगाने वाले मदन मोहन राय_*

*__महामना से प्रेरणा लेकर मदन मोहन इंटर कालेज की स्थापना कर बालिकाओं व गरीब बच्चों को शिक्षित करने का चलाया था अभियान_*



VaranAsi :  आज से ४० वर्ष पूर्व संकटमोचन मंदिर के पुरानी गली में महामना मदन मोहन इंटर कालेज की स्थापना करके बालिकाओं व गरीब घर के बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाने वाले मदन मोहन राय अब नहीं रहे।  विगत १ मई को कबीरचौरा स्थित अस्पताल में हृदयगति रूक जाने के कारण उनका निधन हो गया।  उनका अंतिम संस्कार मुखाग्नि उनके पुत्र संजय राय परदेसी ने किया १३ तारीख मई को संकट मोचन स्थित महामना मदन मोहन इंटर कॉलेज त्रयोदशांह  संस्कार संपन्न होगा। मदन मोहन राय का जन्म एक जनवरी १९५० को चंदौली में हुआ।  इंटरमीडिएट तक चंदौली मे पढ़ने के बाद यूपी कालेज से बी.एस.सी. और महात्मा गांध काशी विद्यापीठ से एम.ए. तक शिक्षा ग्रहण की। बचपन से ही मदन मोहन मालवीय को अपना आदर्श मानने वाले मदन मोहन राय के मन देश के गरीब परिवार के बच्चों जिसमे खासकर लड़कियों को शिक्षित करने की ठान ली थी। इसी कारण वह नौकरी पेशा का ठुकरा कर १९७८ में महामना मदन मोहन उच्चतर श्क्षिण संस्थान नाम से सोसाएटी बनाकर महामना मदन मोहन इंटर कालेज की स्थापना की और इसमें गरीब घर के बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया।
कम से कम शुल्क में बच्चों को शिक्षित करने का मदन मोहन राय द्वारा चलाई मुहिम रंग लाने लगी और प्रदेश सरकार ने १९९५ मे इसको हाईस्कूल व इंटर की मान्यता दे दी।
आज इस कालेज में बारह सौ से अधिक छात्र/छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालय में साइंस / कार्मस व आर्टस विषय की पढ़ाई होती है।  विद्यालय में कम शुल्क लेकर छात्रों को उच्च शिक्षा दिया जा रहा है। हर वर्ष इस विद्यालय से ३५० से अधिक छात्र/छात्राएं हाईस्कूल व इंटर में अच्छे नंबरों से पास होकर अपना भविष्य बना रहे हैं। वर्ष २०१८ में हाईस्कूल में पढ़ने वाले विद्यालय के छात्र ए चौहान ने प्रदेश का टॉपर रहा, जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने अपने हाथों से सम्मानित भी किया था। इसके साथ ही मदन मोहन राय ने नैपुरा / कला में मां विंध्यवासिनी आईटीआई व मां विंध्यवासिनी पब्लिक स्कूल की भी स्थापना कर गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चों को तकनीकी व अंग्रेजी मीडिएम से शिक्षित करने का बीड़ा उठाया।  आज हमलोगों के बीच मदन मोहन राय नहीं हैं लेकिन, उनके द्वारा समाज को शिक्षित करने की नींव जो डाली गयी थी वह हमेशा पुष्पित व पल्लिवत होता रहेगा।
मदन मोहन राय हमेशा कहा करते थें कि महामना की तरह अगर मन में ईमानदारी व विश्वास हो तो कोई चीज असंभव नहीं है।  महामना के आर्दशों पर चलते हुए मदन मोहन राय ने तीन कॉलेजों की स्थपना करके जो ज्ञान रूपी दीपक जलाया है वह आज भी चारों तरफ प्रकाशवान हो रहा है।  आज उनके द्वारा स्थापित तीनों शिक्षण संस्थानों से प्रतिवर्ष हजारो बच्चें पढ़कर अपना भविष्य बना रहे हैं।
मदन मोहन रायजी एक कुशल मार्गदर्शक भी थें और वह हमेशा कहा करते थे कि, किसी की सहायता करना हो तो उसको शिक्षित करने का काम करो क्योंकि अगर वह शिक्षित होगा तो उसका परिवार व उसके बच्चे शिक्षित होंगे और शिक्षित समाज ही देश का सही तरीके से विकास कर सकता है।  महामना मदन मालवीय को अपना आदर्श मानने वाले हमारे पिताजी कम से कम शुल्क लेकर बच्चों को शिक्षित करने का जो बीड़ा उठाये थें उसे हम जीवन पर्यन्त पूरा करेंगे साथ ही समाज के गरीब व बेसहारा घर के बच्चों को शिक्षित कर उनको आगे बढ़ाने का कार्य करेंंगे ।।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने