इफ्को की ओर से एक जुलाई को इसे बाजार में लाने की तैयारी है। इससे खाद पर लागत कम आने की बात कही जा रही है। इसके अलावा रसायनों का दुष्प्रभाव भी कम होने के दावे किए जा रहे हैं। इफ्को की ओर से रबी और खरीफ दोनों सीजन की फसलों पर नैनो यूरिया का प्रयोग किया गया। प्रयागराज में 20-20 किसानों ने इसका प्रयोग किए, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इफ्को के अफसरों के अनुसार 500 एमएल की नैनो बोतल की कीमत 240 रुपये तक की गई है। यह 45 किग्रा यूरिया की बोरी के बराबर कारगर होगा, जिसकी कीमत 362 रुपये है। नैनो यूरिया का फसल में 100 फीसदी इस्तेमाल हो जाता है्र। इसलिए इस दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता। क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विवेक दीक्षित ने बताया कि दो साल पहले ही इसका प्रयोग शुरू हो गया था। भारत में 11 हजार से अधिक स्थानों पर इसके ट्रायल किए गए। इसमें सफलता के बाद अब एक जुलाई से बाजार में लाने का निर्णय लिया गया है। यानी, एक जुलाई से यह किसानों के लिए उपलब्ध होगी।
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