NCR News:  चुनाव नतीजों में कांग्रेस की फजीहत और देश में कोरोना के हालात पर जी-23 नेता मौन हैं। कोरोना पर भी यह नेता खामोश हैं। दूसरी ओर, राहुल गांधी खेमे को उम्मीद थी असम और केरल से बूस्टर डोज मिलेगी, लेकिन केरल में वाममोर्चे की फिर सरकार बन गई। वहीं, असम में भी भाजपा ने मजबूती से सत्ता कायम कर ली। ऐसे में अब कोरोना महामारी ही पार्टी की भीतरी-बाहरी रणनीति का प्रमुख अस्त्र है।पार्टी में चर्चा है नेतृत्व ठीक चुनावी प्रबंधन नहीं कर सका। असम में 29% वोट लेकर कांग्रेस 29 सीटें, जबकि भाजपा इससे 4% अधिक वोट लेकर 60 सीटें जीती। पुड्डुचेरी में कांग्रेस 15% वोटों के साथ 2 सीटें, जबकि भाजपा 13% वोट लेकर 6 सीटें जीती। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल की बजाय सोनिया ही नेतृत्व करती हैं, तो उन्हें कोई एतराज नहीं। खबर है कि जी-23 के साथ यह व्यवस्था जारी रखने पर सहमति बन गई है।बंगाल में परिणाम अनुकूल आने से भाजपा में घमासान जारी है, क्योंकि तृणमूल से भाजपा में आए कुछ नवनिर्वाचित विधायक और दो-तीन सांसद घर-वापसी कर सकते हैं। इससे भाजपा और आरएसएस में अंदरखाने हलचल है। संघ चुनाव नतीजों पर मंथन के साथ तृणमूल से आए नेताओं पर भी निगाह रख रहा है। मुकुल रॉय की तृणमूल में वापसी की भी बात चली। हालांकि, इस पर उन्होंने सफाई दी कि बतौर भाजपा कार्यकर्ता काम करते रहेंगे।दिलीप घोष संघ से ही भाजपा में गए हैं। घोष के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बंगाल में पार्टी मजबूत हुई। स्थानीय नेताओं के अनुसार संघ को हिंदुत्व को बंगाल में धार देने वाले समर्पित नेताओं पर ही भरोसा है। वहीं, बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और मेघालय तथा त्रिपुरा के पूर्व गवर्नर तथागत रॉय बंगाल भाजपा में हुए टिकट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी खुले में जता चुके हैं।

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