गांवों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए निगरानी समिति का गठन किया जा रहा है। निगरानी समिति में प्रधान, सचिव, कोटेदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,आशा शामिल हैं ।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए शासन और प्रशासन युद्धस्तर पर तमाम कार्य कर रहा है तो गांव में लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए निगरानी समिति का भी गठन किया गया।
मंगलवार को क्षेत्र के डुढुहिया गांव के प्राथमिक विद्यालय मस्जिदया में निगरानी समिति का गठन किया गया। ताकि हर जगह से कोरोना से जुड़ी सूचनाएं आसानी से शासन स्तर तक पहुंच सकें। निगरानी समिति का अध्यक्ष प्रधान को बनाया गया। बाकी सचिव और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों को इसमें शामिल किया गया। अब इसमें गांव सभा के सदस्य जोड़ने के साथ ही निगरानी भी उच्च स्तर से बढ़ा दी गई है।
निगरानी समिति पर बाहर से आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर पर रखने के साथ ही उनको संक्रमण से बचाने के लिए जागरूक करने का जिम्मा है। जो लोग होम क्वारंटाइन थे उनकी निगरानी हर वक्त करने के साथ ही उच्चाधिकारियों को समय-समय पर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी भी इसी कमेटी की है। निगरानी समिति के कार्य की समीक्षा सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से की जा रही है। वहां से समिति के सदस्यों को फोन कर जानकारी ली जाती है।
कि उनके गांव में कोरोना की क्या स्थिति है।
कोरोना वायरस चलते ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं।
इस दौरान प्रधानाध्यापक मोहम्मद फिरोज, हल्का लेखपाल, पंचायत सचिव, एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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