अफसरों की मौजदूगी में सफाईकर्मियों को तैनात कर पूरे घाट से चुनरी हटवाई गई। शव दफन करने के बाद पहचान के लिए किनारे लकड़ी गाड़ दी गई थी। इसे भी हटवा दिया गया है।
कैमरे से बचने के लिए रविवार की रात एक जिम्मेदार अफसर ने कुछ अफसरों के साथ फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट का निरीक्षण किया था। अफसर ने पहले फाफामऊ पुल से घाट देखा फिर दल-बल के साथ घाट पर भी गए। कहा जा रहा है कि इसी अफसर के निर्देश पर ही सोमवार की सुबह फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट की सफाई करवा कर चुनरी हटवाई गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि दफन शवों की पहचान न हो सके। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में चुनरी और लकड़ी से ही इस बात की पहचान हो रही थी कि शव दफन किए गए हैं।
नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज सिंह की देखरेख में फाफामऊ घाट पर 100 से अधिक सफाईकर्मी लगाए गए थे। सफाई के वक्त नगर निगम निगरानी समिति के सदस्य मुकुंद तिवारी, कमलेश तिवारी भी मौजूद थे। उधर, श्रृंग्वेरपुर घाट पर सोमवार को कुत्ता और सुअर पकड़ने के लिए टीम लगाई गई थी। दो कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया।
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